-गिरीश उपाध्याय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने डॉ. मनमोहन सिंह को बधाई देते हुए उम्मीद जताई है कि उनके दूसरे कार्यकाल में केन्द्र सरकार मध्यप्रदेश के साथ न तो कोई भेदभाव करेगी और न ही राजनीतिक पूर्वग्रहों के आधार पर फैसले किए जाएँगे।
उन्होंने केंद्र से सूखे के लिए विशेष पैकेज और नर्मदा के डूब प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष औद्योगिक क्षेत्र की माँग की है।
शिवराज सिंह ने कहा कि राजग की सरकार न बन पाने को लेकर मन में कष्ट तो है, लेकिन खुशी भी है कि तमाम अटकलों को दरकिनार करते हुए देश की जनता ने त्रिशंकु लोकसभा के बजाय एक स्पष्ट सरकार के लिए जनादेश दिया है। यह देश के लिए बहुत जरूरी था। अब सरकार खुले हाथ और खुले मन से देश हित में फैसला करने में सक्षम है।
प्रधानमंत्री से मिलेंगे : शिवराज ने कहा कि अब पाँच साल न देश की सरकार बदलने वाली है और न प्रदेश की। इसलिए हम चाहेंगे कि केन्द्र मध्यप्रदेश के विकास में सहयोग दे। शपथ ग्रहण के बाद वे प्रधानमंत्री से मिलकर आग्रह करेंगे कि न भेदभाव हो और न राजनीतिक पूर्वाग्रह रखें।
संघीय ढाँचे पर चोट न हो : मुख्यमंत्री ने कहा कि कठिनाई तब पैदा होती है जब न्यायोचित माँगों पर भी विचार नहीं होता। केन्द्र सरकार हमें कोयले को लेकर तंग कर सकती है। यदि ऐसा हुआ तो यह संघीय ढाँचे पर चोट होगी।
मप्र को विशेष पैकेज दें : केंद्र से अपने रिश्तों के बारे में उन्होंने कहा कि शुरू के एक साल तक तो सब कुछ ठीक रहा लेकिन बाद में भेदभाव शुरू हो गया। बिजली, कोयला या सूखे के मामले पर बार बार आग्रह के बावजूद मदद नहीं मिली। हमारी अपील है कि हमें सूखे के लिए विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए।
जिस तरह उत्तराखंड को विशेष रियायतें दी गई हैं उसी तरह मप्र में भी डूब प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष औद्योगिक क्षेत्र की योजना दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इन दिनों एक-एक करके सभी विभागों की समीक्षा कर रहे हैं। यह काम पूरा करने के बाद योजनाओं को तेजी से लागू करेंगे। सबसे पहले पानी और बिजली पर ध्यान देंगे।
हम हारे नहीं हैं : शिवराज का कहना है कि लोकसभा चुनाव में मप्र में भाजपा की हार हुई है यह कहना गलत है। हाँ इतना जरूर है कि हमें अपेक्षा से कम सीटें मिली हैं। सत्ता और संगठन में तालमेल की कोई कमी नहीं थी, कम मतदान ने भी चुनाव परिणामों को प्रभावित किया। शिवराज का यह भी मानना है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का चुनाव सीधे होना चाहिए।
तालमेल की कमी नहीं : यह भी सही नहीं है कि पार्टी और सरकार में तालमेल की कोई कमी थी। जनता का रुख कई कारणों से प्रभावित होता है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में लोग अलग-अलग मानस के साथ वोट देते हैं।
खुद के बारे में : आडवाणीजी हमारे नेता हैं। जहाँ तक चुनाव प्रचार के दौरान उनके द्वारा मुझे प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य बताए जाने की बात है तो यह उनका बड़प्पन है।
लाड़ली को अपनाओ : राजग के प्रतीक्षारत प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने चुनाव प्रचार के दौरान घोषणा की थी कि उनकी सरकार आने पर मप्र की लाड़ली लक्ष्मी योजना को पूरे देश में लागू किया जाएगा। उनकी सरकार तो नहीं आई लेकिन इस योजना को लागू करने वाले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री अब अगले प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह से अपेक्षा रखते हैं कि वे इस योजना को देश में लागू करेंगे।-नईदुनिया