मुन्ना भाइयों की तोड़ के लिए फिंगर प्रिंट

प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) के आवेदन फार्म पर अब फोटो और दस्तखत के साथ ही उम्मीदवारों को अब अपनी अँगुलियों और अँगूठे के निशान भी दर्ज कराने होंगे।

परीक्षा में मुन्ना भाइयों की बढ़ती दखलंदाजी को रोकने के इरादे से इस व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है। अगले शैक्षणिक सत्र से इस पर अमल हो सकता है।

सूत्र बताते हैं कि मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने परीक्षा फार्मों में फिंगर-प्रिंट का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। इसके मुताबिक फार्म के साथ ही परीक्षा कक्ष में भी दाखिल होने के पहले परीक्षार्थी के फिंगर-प्रिंट लिए जाएँगे।

इनकी एक मशीन के जरिए पूर्व में परीक्षा फार्म पर लिए गए फिंगर-प्रिंट से उनका मिलान होगा। फिंगर-प्रिंट समान पाए जाने पर ही परीक्षार्थी को परीक्षा में शामिल किया जाएगा। अन्यथा फर्जी परीक्षार्थी होने की आशंका में उसके खिलाफ जाँच कराई जाएगी।

दरअसल अपराधियों के हाईटेक तरीकों ने सरकार को फिंगर-प्रिंट की व्यवस्था पर सोचने को मजबूर कर दिया है। इस बार पीएमटी में पकड़ाए फर्जी परीक्षार्थियों ने मल्टीमीडिया तकनीक से वास्तविक परीक्षार्थी के फोटो से मिक्सिंग करके ऐसे फोटो तैयार किए थे, जो वास्तविक परीक्षार्थी से मिलते-जुलते लगें। इन फोटो के कारण पर्यवेक्षक भी उलझन में आ गए थे। इस तरह की तकनीक के इस्तेमाल से चेहरे पहचानने भी मुश्किल हो जाते हैं। इस कारण सरकार ने फिंगर-प्रिंट की व्यवस्था लागू करने के संकेत दिए हैं।

देश में पहला राज्य : यदि यह तकनीक मप्र में लागू होती है, तो मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य होगा जो किसी परीक्षा में फिंगर-प्रिंट की व्यवस्था लागू करेगा।-नईदुनिया

वेबदुनिया पर पढ़ें