अब नहीं होगी स्मृति चिह्नों की नीलामी

रविवार, 8 मार्च 2009 (13:10 IST)
भविष्य में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के स्मृति चिह्नों की नीलामी रोकने के उद्देश्य से सरकार विदेशी अदालतों में जाने की योजना को अंतिम रूप दे रही है।

संस्कृति मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि हम भविष्य में विदेश में बापू की वस्तुओं की संभावित बिक्री या नीलामी के खिलाफ इस आधार पर अग्रिम रोक हासिल करने की योजना बना रहे हैं कि गाँधीजी की इच्छा के अनुसार कानूनी तौर इस तरह की सभी वस्तुएँ नवजीवन ट्रस्ट से जुड़ी हुई हैं। अग्रिम रोक उन देशों में हासिल की जाएगा, जहाँ बड़े नीलामी केंद्र हैं।

अधिकारी ने कहा कि हम भविष्य में गाँधीजी की वस्तुओं की नीलामी से पहले कार्रवाई करना चाह रहे हैं। इसके तहत यह बताया जाएगा कि इन धरोहरों की खरीद या बिक्री अवैध है। योजना के अनुसार हम सबसे पहले अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस की अदालतों में जाएँगे। संस्कृति मंत्रालय विधि और विदेश मंत्रालय की मदद से मसौदा तैयार कर रहा है।

अधिकारी ने कहा कि हम मसौदे को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं और एक बार इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा तो सरकार विदेशी अदालतों में जाएगी।

गौरतलब है कि नीलामी को रोकने की कोशिश के बावजूद गत पाँच मार्च को न्यूयॉर्क में एंटीकोरम आक्शनियर्स में राष्ट्रपिता की पाँच धरोहरों की नीलामी हुई।

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