अरावली अंचल में खनन पर कोर्ट की रोक

शुक्रवार, 8 मई 2009 (21:00 IST)
उच्चतम न्यायालय ने पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील हरियाणा के अरावली क्षेत्र में खनन गतिविधियों पर शुक्रवार को रोक लगा दी। न्यायालय ने कहा कि खनन के कारण वहाँ पर्यावरण क्षय हुआ है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि फरीदाबाद गुड़गाँव और मेवात के तहत आने वाला 448 वर्ग किलोमीटर का इलाका खनन गतिविधियों से मुक्त होगा। इससे पहले न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी से पाँच किलोमीटर की परिधि में खनन गतिविधियों पर रोक लगाई थी।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के जी बालकृष्णन,न्यायमूर्ति अरिजीत पसायत और न्यायमूर्ति एस एच कपाड़िया की विशेष वन पीठ ने इलाके में लागू सतत विकास मसौदे का विश्लेषण किया और कहा कि यह पूर्ण रूप से पर्यावरण क्षय का मामला है।

पीठ ने कहा कि स्थिति बदतर हुई है क्योंकि पूर्व में शीर्ष अदालत ने जो निर्देश दिए उसका कभी पालन नहीं किया गया।

शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति ने क्षेत्र में खनन गतिविधियों पर रोक लगाए जाने की सिफारिश की थी। समिति ने कहा था कि भूजल स्तर में तेज गिरावट से हरे भरे क्षेत्र के मरूभूमि में बदलने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

हरियाणा सरकार ने समिति की सिफारिशों पर सहमति जतायी और 10 साल के लिये इलाके में खनन गतिविधियों पर रोक लगाये जाने का पक्ष लिया।

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