आईआईटी के शिक्षक भूख हड़ताल पर

गुरुवार, 24 सितम्बर 2009 (15:46 IST)
देशभर के प्रतिष्ठित आईआईटी शिक्षण संस्थानों के करीब 15 हजार शिक्षक अपने वेतनमान ढाँचे के मुद्दे को लेकर गुरुवार को भूख हड़ताल पर चले गए। हालाँकि उन्होंने कक्षाओं का बहिष्कार नहीं किया है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय से अपने माँग पत्र पर कोई ठोस जवाब नहीं मिलने के बाद द ऑल इंडिया आईआईटी फैकल्टी फेडरेशन ने भूख हड़ताल की घोषणा की। उनकी माँगों में वरिष्ठ ग्रेड में प्रोफेसरों की पदोन्नति पर लगाई गई 40 फीसदी की रोक सीमा को हटाना भी शामिल है।

40 फीसदी वाली माँग को मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा ठुकराए जाने के बाद प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थानों के अध्यापक हड़ताल पर चले गए।

फेडरेशन के अध्यक्ष और आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर एम. थेनमोजी ने बताया हमने इस मुद्दे पर मानव संसाधन मंत्रालय के प्रतिनिधियों से मुलाकात के लिए कहा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए हम हड़ताल पर चले गए।

सिब्बल ने कहा था कि आईआईटी प्रतिष्ठानों द्वारा उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने के लिए आधुनिक दृष्टिकोण के साथ आगे आने पर इन संस्थानों को और अधिक स्वतंत्रता मुहैया कराई जाएगी।

उन्होंने कहा आईआईटी ब्रांड इंस्टिट्यूट हैं। हम उनका सम्मान करते हैं। शानदार उपलब्धियाँ हासिल करने के लिए हम उन्हें अधिक स्वतंत्रता देना चाहते हैं। यदि वे अपनी भावी योजनाओं पर विचार-विमर्श करते हैं तो हम उन्हें अधिक स्वायत्तता देने को तैयार हैं।


हड़ताल में आईआईटी मद्रास के संकाय सदस्यों ने भी देशभर के आईआईटी के अपने सहयोगियों का साथ दिया। अखिल भारतीय आईआईटी संकाय संघ की अध्यक्ष एम. थेनमोझि ने कहा परिसर में हड़ताल चल रही है, लेकिन कोई भी शिक्षक कक्षाएँ नहीं छोड़ रहे हैं। कार्यकारी समिति के एक सदस्य ने कहा कि अधिकतर शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।

उन्होंने कहा कि संघ ने समाधान निकालने के लिहाज से एक अक्टूबर से पहले केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने का समय माँगा है।

आज की हड़ताल के दौरान संकाय सदस्यों ने आईआईटी के विजन-2030 पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान इस पहलू पर कई शिक्षकों ने प्रस्तुतिकरण दिया।

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