'एक नेता, एक परिवार' से फैला भ्रष्टाचार

गुरुवार, 7 जुलाई 2011 (15:47 IST)
FILE
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथसिंह ने देश में बढ़ते भ्रष्टाचार के लिए ‘एक नेता, एक परिवार’ केन्द्रित राजनीति को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि जब तक जनता ऐसे दलों को खारिज नही कर देती, भ्रष्टाचार पर काबू नहीं पाया जा सकता।

सिंह ने भ्रष्टाचार और इस पर नियंत्रण के लिए ‘मजबूत लोकपाल’ के गठन की मांग को लेकर देश की राजनीति में पैदा हुई हलचल के बारे में कहा कि जब तक ‘एक नेता, एक परिवार’ केंद्रित राजनीति खत्म नही होती, भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश संभव नही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा मजबूत लोकपाल के पक्ष में है। इससे निश्चित रुप से सत्ता शीर्ष पर व्याप्त भ्रष्टाचार में कमी आएगी। इसके लिए जनता को जागरुक किए जाने के साथ ही जन प्रतिनिधित्व कानून में भी बदलाव की आवश्यकता है।

सिंह ने किसी दल विशेष का नाम लिए बिना कहा कि सत्तर के दशक की शुरुआत से अब तक के राजनीतिक परिदृश्य को देखने से यह बात साफ हो जाती है कि देश और प्रदेशो की राजनीति में ‘एक नेता, एक परिवार’ केन्द्रित राजनीतिक दलों के बढ़ते प्रभाव के साथ भ्रष्टाचार और घोटालों का आकार बढ़ता गया, वरना एक ही मामले में 'टूजी स्पेक्ट्रम' में पौने दो लाख करोड़ रुपए के घोटाले की बात कोई सोच भी नही सकता था।

पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने एक सवाल के जवाब में कहा कि छठवें दशक के उत्तरार्ध तक कांग्रेस पार्टी में भी स्थिति भिन्न थी और उसमें पंडित नेहरू के बराबर कद के नेता भले ही न रहे हों, उनके सामने बोल सकने वाले नेताओं की कमी नहीं थी। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें