कैग ने की परमाणु ऊर्जा विभाग की खिंचाई

शनिवार, 21 फ़रवरी 2009 (14:24 IST)
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने बिजली उत्पादन के निर्धारित लक्ष्यों को कम करने और देश को स्वच्छ परमाणु ऊर्जा के पूर्ण लाभ से वंचित रखने के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग की खिंचाई की है।

कैग ने 15 दाबयुक्त हैवी वाटर रिएक्टरों की ईंधन आवश्यकताओं को परमाणु बिजली इकाइयों को अधिकतम क्षमता से चलाने के लिए आवश्यक वास्तविक माँग से जोड़ने के बजाय यूरेनियम की उपलब्धता से जोड़ने के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग की आलोचना की है।

कैग ने कहा कि परमाणु ऊर्जा से जुड़ी औपचारिक माँग यूरेनियम की उपलब्धता से ज्यादा जोड़ी जाती है, जबकि इसे हैवी वाटर रिएक्टरों की अधिकतम क्षमता से परिचालन की स्थिति में ईंधन की आवश्यकता से नहीं जोड़ा जाता।

कैग ने कहा कि परमाणु बिजली संयंत्रों ने हालाँकि 1999-2003 के दौरान अधिक क्षमता से परिचालन किया। इन संयंत्रों ने स्थापित क्षमता का 80 फीसदी प्रदर्शन किया, लेकिन बिजली उत्पादन में भारी गिरावट आई क्योंकि रिएक्टरों की संख्या बढ़ गई और इससे ईंधन आपूर्ति को लेकर असंतुलन पैदा हो गया।

प्रधान ऑडिटर ने कहा कि ईंधन आपूर्ति की बाधाओं के कारण हैवी वाटर रिएक्टरों की औसत क्षमता में लगातार गिरावट आती रही और यह 80 फीसदी से घटकर 50 फीसदी पर आ गई।

कैग ने कहा कि इसका नतीजा यह हुआ कि हैवी वाटर रिएक्टरों ने कम क्षमता से काम किया और देश को स्वच्छ परमाणु ऊर्जा के पूर्ण फायदों से वंचित रखा।

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