क्या प्रियंका गांधी को मिल सकती है बड़ी भूमिका?

मंगलवार, 7 जनवरी 2014 (22:23 IST)
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नई दिल्ली। प्रियंका गांधी ने मंगलवार के दिन राजनीतिक हलकों में उस वक्त खासी चर्चा पैदा कर दी, जब उन्होंने यहां अपने भाई राहुल गांधी के निवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में हिस्सा लिया। इसने इन अटकलों को जन्म दिया कि लोकसभा चुनावों के पहले उन्हें बड़ी भूमिका दी जा सकती है

सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल, केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश, कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी, मधुसूदन मिस्त्री, अजय माकन और पार्टी के विचारक मोहन गोपाल उपस्थित थे।

यह स्पष्ट नहीं है कि क्या राहुल गांधी उस बैठक में मौजूद थे या नहीं। पार्टी सूत्र आधिकारिक रूप से इस बारे में बताने के लिए तैयार नहीं हैं।

अगले सप्ताह 42 साल की होने वाली प्रियंका के बैठक में हिस्सा लेने से राजनैतिक गलियारे में ऐसी अटकलें लगाई जाने लगीं कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को सुधारने के लिए वह सक्रिय भूमिका निभाएंगी। खासतौर पर हाल में विधानसभा चुनावों में पार्टी को मिली करारी पराजय के मद्देनजर उनके सक्रिय भूमिका निभाने की संभावना है।

कांग्रेस ने राहुल गांधी के निवास पर पार्टी नेताओं की बैठक में प्रियंका गांधी की मौजूदगी को कोई तवज्जो नहीं देने का प्रयास करते हुए कहा कि वह कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय रही हैं और उनके पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में आश्चर्य की क्या बात है।

महीनों से ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या प्रियंका पूर्णकालिक राजनीति में प्रवेश कर सकती हैं? अभी तक उन्होंने खुद को अपनी मां सोनिया गांधी की लोकसभा सीट रायबरेली में प्रचार तक ही सीमित रखा है।

प्रियंका अपने भाई राहुल से दो साल छोटी हैं। उनका अपना करिश्मा रहा है। उनकी भूमिका रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र की देखरेख की रही है और चुनाव के दौरान अपने भाई के पक्ष में प्रचार करने के लिए वह अमेठी का दौरा करती हैं।

एक वरिष्ठ नेता ने इस बात को ख्याली अटकलबाजी करार देते हुए खारिज किया कि प्रियंका को पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है और राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि अटकलें बनी हुई हैं कि क्या प्रियंका राजनीति में उतरने की तैयारी कर रही हैं। आज की बैठक में उनकी उपस्थिति से अटकलों को बल मिला है।

निजी बातचीत में पार्टी नेताओं ने कहा कि पार्टी के मामलों में प्रियंका के सक्रिय होने से हाल में विधानसभा चुनावों में पार्टी की हुई हार और नरेंद्र मोदी और आप के उभरने के बाद निराश हो चुके पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार होगा। (भाषा)

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