चंद्रयान प्रक्षेपण की उल्टी गिनती सोम से

देश के पहले मानवरहित चंद्र अभियान चंद्रयान-1 के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती सोमवार से शुरू होगी। यह जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक शीर्ष अधिकारी ने दी। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के सह निदेशक एमवाईएस प्रसाद ने कहा कि उल्टी गिनती सोमवार सुबह से शुरू होगी।

उन्होंने बताया कि 22 अक्टूबर को प्रक्षेपित किए जाने वाले अंतरिक्ष यान को कल शाम प्रक्षेपण स्थल पर ले जाया गया। प्रसाद ने कहा कि यान जिन वैज्ञानिक उपकरणों को अपने साथ ले जाएगा उनके विभिन्न मानकों के निरीक्षण और उल्टी गिनती शुरू करने की तैयारी सहित सभी तैयारियाँ जारी है।

उन्होंने कहा कि बुधवार को सुबह छह बजकर 20 मिनट पर छोड़े जाने वाले यान के सभी अभियान संतोषजनक ढंग से आगे बढ़ रहे हैं। प्रसाद ने कहा कि उल्टी गिनती के दौरान लगभग 42 टन प्रणोदक (ईंधन) भरा जाएगा। अधिकारियों के द्वारा दी गई विस्तृत जानकारी के अनुसार चंद्रयान 11 पेलोड (वैज्ञानिक उपकरण) अपने साथ ले जा रहा है जिनका प्रक्षेपण के समय एक हजार 380 किलोग्राम वजन होगा।

अंतरिक्ष यान का आकार चौकोर जैसा है जिसके एक तरफ सौर पैनल लगा है। इसकी आधुनिक उप-प्रणालियाँ इसके 11 वैज्ञानिक उपकरणों को सुरक्षित और सक्षम कार्य प्रणाली मुहैया कराती हैं।

इसे एकल सोलर पैनल से बिजली मिलती है जो अधिकतम 700 वाट विद्युत उत्पन्न करता है। जब सोलर पैनल सूर्य से ऊर्जा हासिल नहीं कर पाता तो एक 36 एम्फियर आवर (एएच) लीथियम आयन बैटरी इसे ऊर्जा प्रदान करती है।

एक अधिकारी ने कहा कि चंद्रयान-1 को धरती की कक्षा से बाहर निकालने और उसे चाँद की तरफ भेजने के लिए लिक्विड एपोजी मोटर (एलएएम) का इस्तेमाल किया जाएगा। एलएम के लिए तरल ईंधन की जरूरत होती है और यहाँ तक कि उसे तेज गति से आगे बढ़ाने संबंधी उपकरण भी यान में रखे गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि यान का एंटीना 11 पेलोड (वैज्ञानिक उपकरणों) द्वारा जुटाए गए आँकड़ों को धरती तक संप्रेषित करने का काम करेगा।

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