जगनमोहन रेड्डी को मिली जमानत

सोमवार, 23 सितम्बर 2013 (20:04 IST)
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हैदराबाद। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख वाईएस जगनमोहन रेड्डी को राहत प्रदान करने वाले एक फैसले में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने उन्हें आय से अधिक संपत्ति मामले में सोमवार को जमानत दे दी। 40 वर्षीय जगनमोहन को करीब 16 महीनों तक चंचलगुड़ा सेंट्रल जेल में रहने के बाद जमानत मिली है।

विशेष सीबीआई न्यायाधीश यू दुर्गाप्रसाद राव ने जगनमोहन रेड्डी को दो लाख रूपए के निजी बांड और इतनी ही राशि के मुचलकों पर जमानत दे दी। अदालत ने जगनमोहन को निर्देश दिया कि वह अदालत की अनुमति के बगैर हैदराबाद से बाहर नहीं जाएंगे और न ही सीधे या परोक्ष रूप से किसी गवाह को प्रभावित करेंगे। इसके साथ ही उन्हें मामले की कार्यवाही के दौरान अदालत के समक्ष उपस्थित रहने को भी कहा गया है।

अदालत ने कहा कि अगर जगनमोहन इन शर्तों को उल्लंघन करते हैं तो सीबीआई उनकी जमानत रद्द करने की मांग कर सकती है। यह मामला जगनमोहन की कंपनियों में विभिन्न कंपनियों द्वारा निवेश से संबंधित है जो उनके पिता वाई एस राजशेखर रेड्डी के मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान अन्य लाभ लेने के उद्देश्य से किए गए थे। राजशेखर रेड्डी 2004 से 2009 के बीच आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री थे।

जगनमोहन को जमानत दिए जाने के संबंध में फैसला सुनाने के बाद अदालत परिसर में उत्सव का माहौल हो गया और पार्टी समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं ने पटाखे चलाए तथा मिठाइयां बांटीं। जगनमोहन की पत्नी भारती और वाईएसआर कांग्रेस के कई नेता अदालत कक्ष में मौजूद थे। पार्टी प्रवक्ता अंबाती रामबाबू ने न्यायपालिका में पूरा भरोसा जताते हुए ेकहा कि सुनवाई के बाद उनके नेता बेदाग होकर बाहर निकलेंगे।

इसके पहले सीबीआई ने जगनमोहन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जमानत पर बाहर आने के बाद कडप्पा से सांसद मामले की सुनवाई को प्रभावित कर सकते हैं। जगनमोहन ने जमानत के लिए 11 सितंबर को याचिका दाखिल की थी और दलील दी थी कि उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को जांच पूरा करने के लिए चार महीनों का समय दिया था और यह नौ सितंबर को पूरा हो रहा है।

जगनमोहन गिरफ्तारी के बाद 27 मई 2012 से यहां चंचलगुड़ा सेंट्रल जेल में बंद हैं। इसके पहले उच्चतम न्यायालय ने पांच अक्टूबर 2012 और इस साल नौ मई को जगनमोहन की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

जगनमोहन ने जमानत याचिका में दलील दी थी कि आंध्रप्रदेश को विभाजित किए जाने को लेकर तटीय आंध्र और रायलसीमा में चल रहे आंदोलन के मद्देनजर उनके लिए जरूरी है कि वे लोगों के साथ रहें और एक राजनीतिक दल के नेता के रूप में आंदोलन की अगुवाई करें। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला आज तक के लिए रख लिया था।

प्रमुख जांच एजेंसी ने जगनमोहन के खिलाफ अधिक संपत्ति मामले में अब तक 10 आरोप पत्र दाखिल किए हैं। आखिरी दो आरोप-पत्र 17 सितंबर को दाख्लि किए गए थे। इस मामले में कई पूर्व और मौजूदा मंत्री तथा नौकरशाह भी आरोपी हैं। (भाषा)

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