थोरियम पर शोध करेंगे काकोडकर

गुरुवार, 7 जनवरी 2010 (23:54 IST)
परमाणु उर्जा आयोग के अध्यक्ष पद से अवकाशग्रहण करने के बाद अनिल काकोडकर की योजना अनुसंधान पर विशेष ध्यान देने की है ताकि परमाणु उर्जा रिएक्टरों को सुरक्षित बनाया जा सके।

प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक काकोडकर ने पिछले साल 30 नवंबर को अपना पद छोड़ दिया था। हालाँकि वह भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई (बार्क) में काम करते रहेंगे जिससे वह 45 साल से जुड़े रहे हैं।

काकोडकर ने गुरुवार को यहाँ संपन्न 97वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस के दौरान संवाददाताओं से कहा कि मैं बार्क में काम करता रहूँगा। मैं जो काम करना चाहूँगा उनमें थोरियम मेरी पहली पसंद है।

उन्होंने कहा कि उर्जा के अलावा थोरियम के कई ऐसे फायदे हैं जिन्हें देश में पहचान नहीं मिली है।

काकोडकर ने कहा कि वह थोरियम से जुड़े विभिन्न विषयों पर काम करना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकताओं में ऐसे परमाणु संयंत्रों का डिजायन शामिल है जिनमें सुरक्षा संबंधी बातें अंतर्निहित हों।

उन्होंने प्रयुक्त अमेरिकी परमाणु इंधन के पुनर्शोधन से संबंधित समझौते के लिए वार्ता से जुड़े सवालों का जवाब देने से परहेज किया। इस संबंध में पूछे गए विभिन्न सवालों के जवाब में उन्होंने कहा‘मैं अपना पद छोड़ चुका हूँ। इस विषय पर मेरे पास कोई प्रतिक्रिया नहीं है।’

काकोडकर ने कहा कि इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों की एक समर्थ टीम काम कर रही है। इसके पहले उर्जा से संबंधित एक चर्चा में काकोडकर ने कहा कि कोयला, हाइड्रोकार्बन और यूरेनियम के लिए देश भर में अन्वेषण प्रयास बढ़ाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि कोयला और यूरेनियम संसाधनों को विकसित करने के क्रम में पर्यावरण से जुड़े मुद्दों की ओर भी ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि ये सब घने जंगलों में मिलते हैं।(भाषा)

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