दिनाकरण को नहीं मिलेगी पदोन्नति

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भारत के प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पीडी दिनाकरण को छोड़कर चार अन्य न्यायाधीशों के नाम उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के लिए आगे बढ़ाए जाएँगे।

बालाकृष्णन ने कहा कि हमने चार अन्य न्यायाधीशों के नामों के लिए ही कहा है कि उन्हें उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत किए जाने के लिए आगे बढ़ाया जाए।

विधि मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने बताया कि उन्हें अनेक संवैधानिक संस्थानों से विभिन्न मुद्दों पर विभिन्न संदेश प्राप्त होते हैं लेकिन वे उनके संबंध में कोई टिप्पणी करना पसंद नहीं करेंगे।

न्यायमूर्ति दिनाकरण के नाम को रोकने संबंधी कदम इन आरोपों के बीच उठाया गया है कि उन्होंने तमिलनाडु के तिरूवल्लूर जिले में काफी जमीन इकट्ठा कर ली है।

उच्चतम न्यायालय के चयन मंडल ने इससे पहले तिरुवल्लूर के जिला कलेक्टर की रिपोर्ट पर विचार किया था, जिसमें संभवत: यह कहा गया था कि तिरुत्तानी ताल्लुक के कावेरीराजापुरम में ही न्यायाधीश द्वारा कब्जा की गई जमीन लगभग 500 एकड़ है।

चयन मंडल ने इससे पहले दिनाकरन के साथ साथ मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एके पटनायक, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश टीएस ठाकुर, कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एसएस निज्जर और गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश केएस राधाकृष्णन को उच्च न्यायालय में पदस्थ करने पर अपनी मुहर लगा दी थी।

चयन मंडल के अध्यक्ष प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन हैं। उनके अलावा इसमें न्यायमूर्ति बीएन अग्रवाल, न्यायमूर्ति एसएस कपाड़िया और अल्तमस कबीर भी शामिल हैं। चयन मंडल ने दिनाकरन के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में जिलाधिकारी से रिपोर्ट की माँग की है।

इससे पहले तमिलनाडु सहित देश के विभिन्न स्थानों के प्रमुख अधिवक्ताओं ने प्रधान न्यायाधीश और सरकार से आरोपों की जाँच कराने तथा न्यायाधीश को पदस्थ नहीं करने की अपील की थी।

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