निर्मल यादव को मिली क्लीन चिट

शनिवार, 7 नवंबर 2009 (20:52 IST)
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की न्यायाधीश निर्मल यादव से संबंधित ‘घर पर नकदी’ मामले का शनिवार को अंत करते हुए उच्चतम न्यायालय के निर्णायक मण्डल ने विधि मंत्रालय की यादव को दोषमुक्त करने संबंधी रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।

इस संबंध में अटकलें हैं कि आरोपी न्यायाधीश निर्मल यादव को उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय स्थानांतरित किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल अगस्त में न्यायाधीश निर्मल यादव के घर भेजे गए 15 लाख रुपए को नाम की गलतफहमी में न्यायाधीश निर्मलजीत कौर के घर पहुँचा दिया गया था। इसके बाद यादव पर पैसे लेने के इस मामले का आरोप सामने आया।

इस मामले में नाम सामने आने पर न्यायाधीश यादव को न्यायिक दायित्वों से अलग कर दिया गया था।

विधि मंत्रालय के सूत्रों ने कहा‘हमने तत्कालीन अटॉर्नी जनरल मिलन बनर्जी की रिपोर्ट को उच्चतम न्यायालय के निर्णायक मण्डल को भेज दिया है।’अटॉर्नी जनरल की रिपोर्ट के अनुसार न्यायमूर्ति यादव पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सुबूत नहीं हैं।

गौरतलब है कि सीबीआई के निदेशक और अभियोजन निदेशक के बयानों में फर्क होने के कारण अटॉर्नी जनरल को विधि मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था जिसमें न्यायाधीश पर मुकदमा चलाने के पर्याप्त आधार माँगे गए थे।

इस मामले में पंजाब के राज्यपाल एस एफ रोड्रिग्ज ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर के साथ विमर्श करने के पश्चात सीबीआई जाँच का सुझाव दिया था।

इसके बाद उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन ने इस मामले की सुनवाई के लिए तीन सदस्यीय न्यायाधीशों की समिति का गठन किया था।

समझा जाता है कि अटॉर्नी जनरल के सुझावों को ध्यान में रखते हुए उच्चतम न्यायालय के निर्णायक मण्डल ने यादव पर मुकदमा न चलाने का निर्णय लिया।(भाषा)

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