पाउच में नहीं बिकेंगे तंबाकू उत्पाद

गुरुवार, 17 फ़रवरी 2011 (15:00 IST)
उच्चतम न्यायालय ने प्लास्टिक के पैकेटों में गुटका और पान मसाला बेचने पर एक मार्च से प्रतिबंध लगाने के अपने आदेश में कोई राहत देने से आज इनकार कर दिया। शीर्ष न्यायालय ने सरकार की इस दलील को संज्ञान में लिया कि मुख कैंसर के 90 प्रतिशत मामले तंबाकू चबाने से होते हैं।

न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एके गांगुली की पीठ ने सात दिसंबर को तय की गई अपनी समयसीमा पर राहत देने से इनकार कर दिया।

शीर्ष न्यायालय ने सरकार की चार फरवरी की अधिसूचना को चुनौती देने वाले अनेक अंतरिम आवेदनों पर सरकार से भी जवाब दाखिल करने को कहा।

सरकार ने गुटका और अन्य तंबाकू उत्पादों के लिए प्लास्टिक पैकिंग के इस्तेमाल पर नियंत्रण के लिए प्लास्टिक प्रबंधन और निस्तारण नियम, 2009 को लागू करने संबंधी अधिसूचना जारी की थी।

उच्चतम न्यायालय की पीठ ने कानून को लागू नहीं करने के मामले में दो फरवरी को सरकार से नाराजगी जताते हुए दो दिन के भीतर अधिसूचना जारी करने को कहा था। जिसके बाद चार फरवरी को सरकार ने अधिसूचना जारी की।

सरकार की अधिसूचना के खिलाफ अनेक अंतरिम आवेदनों पर अदालत ने सालिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने पूछा कि आपने इतना लंबा समय क्यों लगाया। आप इतने दिन तक क्या कर रहे थे। इस पर सुब्रमण्यम ने कहा कि अदालत के आदेश के बाद अधिसूचना जारी कर दी गई।

अदालत गुटका और पान मसाला निर्माताओं की एक अपील पर सुनवाई कर रही थी जिसमें राजस्थान उच्च न्यायालय के प्लास्टिक पाउचों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के आदेश को चुनौती दी गई है। (भाषा)

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