प्रणब के हस्ताक्षर संबंधी शिकायत बेतुकी

बुधवार, 11 जुलाई 2012 (22:31 IST)
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राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी वीके अग्निहोत्री ने कहा है कि संप्रग उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी के नामांकन पत्रों के संबंध में पीए संगमा की शिकायत का कोई तुक नहीं बनता और इस आधार पर उनकी आपत्तियों को खारिज कर दिया गया।

राज्यसभा के महासचिव अग्निहोत्री ने इंडियन वूमैन प्रेस कोर में बातचीत करते हुए कहा कि मेरा आदेश था कि जिसे हस्ताक्षर करना है, सिर्फ वही कह सकता है कि यह उसका हस्ताक्षर नहीं है। कोई दूसरा व्यक्ति यह दावा करता है तो मेरी समझ से इसका कोई तुक नहीं बनता है।

नामांकन पत्रों की जांच के दौरान भाजपा समर्थित उम्मीदवार ने दावा किया था कि मुखर्जी लाभ के पद पर थे और चुनाव लड़ने का उनका आवेदन खारिज कर दिया जाना चाहिए।

संसदीय कार्य मंत्री और संप्रग उम्मीदवार के अधिकृत प्रतिनिधि पवन कुमार बंसल ने एक पत्र सौंपकर कहा था कि मुखर्जी ने नामांकन दाखिल करने के पहले ही भारतीय सांख्यिकी संस्थान के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

अग्निहोत्री ने कहा कि इस पत्र के पेश किए जाने के बाद निर्वाचन अधिकारी के रूप में यह मानने का उनके पास कोई कारण नहीं था कि पत्र वास्तविक नहीं है। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार निर्वाचन अधिकारी संक्षिप्त जांच ही कर सकता है और वह उस तरीके से काम नहीं कर सकता जैसा अदालतें कर सकती हैं। अगर शिकायतें हैं तो निबटारे के लिए अन्य विकल्प भी मौजूद हैं।

अग्निहोत्री ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद चुनाव याचिका उच्चतम न्यायालय में दाखिल की जा सकती है।

कानून के अनुसार अगर उच्चतम न्यायालय विजयी उम्मीदवार के शपथ ग्रहण के पहले चुनाव पर रोक लगाता है तो राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल अपने पद पर बनी रहेंगी। (भाषा)

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