पशु अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था पेटा इंडिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश को सलाह दी है कि वे मौजूदा खाद्य संकट के लिए भारत को दोषी ठहराने के बजाए शाकाहारी बनें।
गौरतलब है कि बुश ने खाद्य संकट का सामना कर रहे देशों के लिए 77 करोड़ डॉलर की आपातकालीन खाद्य सहायता देने का आदेश देते हुए कहा था कि वैश्विक खाद्य संकट के लिए भारत जिम्मेदार है।
भारत में पेटा की मुख्य कार्यकारी अनुराधा शाहनी ने बुश को लिखे पत्र में कहा है कि भारत ऐसा देश है, जहाँ शाकाहारियों की संख्या सर्वाधिक है। अनाज संकट के लिए भारत को दोषी इसलिए नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि दुनियाभर में उगाया जाने वाला अनाज इंसानों की जरूरत के लिए पर्याप्त है।
शाहनी ने बुश को सलाह दी कि वे खुद शाकाहारी बनने के साथ-साथ अमेरिकियों को शाकाहार के लिए प्रेरित करें। शुरुआत करने के लिए पेटा ने उन्हें शाकाहार की शुरुआत संबंधी किट और सुस्वादु शाकाहारी व्यंजनों की टोकरी भी भेजी है।
शाहनी ने कहा कि समृद्ध देश इंसानों के लिए उगाए जाने वाले इस अनाज को माँस पाने के लिए कुक्कुटों सूअरों और गायों को खिला देते हैं। 7.27 किलोग्राम अनाज खाने पर मात्र 0.45 किलोग्राम माँस बनता है।
शाहनी ने कहा कि यदि बुश वाकई भूख के खिलाफ संघर्ष छेड़ना चाहते हैं तो उन्हें शाकाहार शुरू करने का यह एकदम उपयुक्त समय है।