ब्याज दर बढ़ी, लोन महंगा, बाजार जमीन पर...

शुक्रवार, 20 सितम्बर 2013 (14:23 IST)
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मुंबई। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान करते हुए रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी। आरबीआई के इस कदम से लोन महंगे होने की आशंका है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए नीति गत ब्याज दर को 0.25 प्रतिशत बढ़ा दिया। उसका यह निर्णय मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने की उसकी जद्दोजहद का हिस्सा है।

केंद्रीय बैंक का मानना है कि मुद्रास्फीति की मौजूदा स्थिति चिंताजनक है और इसको लेकर अभी कोई ढिलाई नहीं बरती जा सकती। आरबीआई के अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अंत तक मुद्रास्फीति उम्मीद से ज्यादा रह सकती है।

रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी। यह अब 7.25 से बढ़कर 7.5 प्रतिशत हो गई है। रिवर्स रेपो दर भी 0.25 प्रतिशत बढ़ाई गई है। रेपो दर वह दर है जिस पर वह बैंकों को एकाध दिन के लिए पैसा उधार देता है।

क्रेडिट पॉलिसी के ऐलान के तुरंत बाद शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 550 अंक गिर गया, निफ्टी भी 170 अंक निचे आ गया। बैंकों के शेयर धड़ाम से गिर पड़े।

रिजर्व बैंक के इस कदम से शेयर बाजार के साथ-साथ रुपए को भी झटका लगा। विदेशी विनियम बाजार में डॉलर के समक्ष स्थानीय करेंसी 69 पैसे टूटकर 62.46 रुपए प्रति डॉलर पर पहुंच गई।

रिजर्व बैंक के नए गवर्नर रघुराम गोविंद राजन ने मौद्रिक नीति की समीक्षा में यद्यपि मुद्रास्फीति के खिलाफ आक्रामक रुख बनाए रखा पर उन्होंने उधार नकदी की सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) पर ब्याज घटा 0.75 प्रतिशत कम कर बैंकों के लिए कुछ राहत भी दी है। अब इस सुविधा के तहत आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को 9.5 प्रतिशत पर अतिरिक्त नकदी उपलब्ध कराएगा। अभी तक यह दर 10.25 प्रतिशत थी।

राजन ने मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा पर अपने वक्वव्य में कहा है, ‘औद्योगिक क्षेत्र में कमजोरी और शहरी मांग की मौजूदा स्थिति को देखते हुए मुद्रास्फीति और मुदास्फीति संबंधी प्रत्याशाओं पर अंकुश बनाए रखने की आवश्यकता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मुद्रास्फीति को और अधिक सहनीय स्तर पर लाने के लिए आवश्यक है कि रेपो दर को 0.25 प्रतिशत और बढ़ा दिया जाए।

केंद्रीय बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को मौजूदा चार प्रतिशत पर बनाए रखा है। वाणिज्यिक बैंकों को इसी अनुपात में अपने पास जमा राशियों को केंद्रीय बैंक के पास नकदी के तौर पर जमा रखना होता है।

लेकिन, इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने बैंकों के लिए सीआरआर के दैनिक स्तर को बनाए रखने के मामले में थोड़ी ढील दी है। अब उन्हें 21 सितंबर से हर रोज सीआरआर खाते में कम से कम 99 प्रतिशत की जगह 95 प्रतिशत तक ही जमा रखना जरूरी होगा।

खाद्य वस्तुओं की महंगाई के दबाव में थोक मुद्रास्फीति अगस्त माह में बढ़कर 6.1 प्रतिशत हो गई। यह पिछले छह माह की मुद्रास्फीति की उच्चतम दर है। (एजेंसियां)

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