भाजपा सांसद ने जसवंत का बचाव किया

सोमवार, 31 अगस्त 2009 (22:04 IST)
लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही अंतर्कलह से जूझ रही भाजपा को सोमवार को उस समय एक और भारी झटका लगा, जब उसके एक सांसद ने जसवंत सिंह के निष्कासन के फैसले पर सवाल उठाते हुए उस पर पुनर्विचार की माँग की।

पार्टी के पूर्व महासचिव प्यारेलाल खंडेलवाल ने पार्टी नेतृत्व को पत्र लिखकर कहा है कि सिंह को जल्दबाजी में निष्कासित किया गया है और उनके साथ वही बर्ताव होना चाहिए, जैसा पार्टी के एक अन्य असंतुष्ट नेता अरुण शौरी के साथ किया गया है।

पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को लिखे गये पत्र की प्रतियाँ वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और अन्य को भेजी गयी हैं। खंडेलवाल ने गुजरात सरकार द्वारा जसवंत की जिन्ना पर लिखी विवादास्पद किताब से प्रतिबंध उठाए जाने की भी माँग की।

उनका यह पत्र आरएसएस के यह विश्वास व्यक्त किये जाने के ऐन एक दिन बाद आया है कि पार्टी नेतृत्व एकजुट रहेगा और सभी समस्याओं को हल कर अधिक मजबूत बनकर उभरेगा और हालात सुधरते नजर आ रहे हैं।

खंडेलवाल ने अपने पत्र में कहा कि वरिष्ठ नेता अटलबिहारी वाजपेयी की सक्रिय भूमिका की कमी खल रही है। इसमें यह भी कहा गया कि जसवंत को निष्कासित किए जाने से पार्टी की छवि पर असर पड़ा है और पार्टी के लिए यह एक दुखदायी अध्याय है। उन्होंने कहा कि जसवंत के निष्कासन को वापस लिया जाना चाहिए और इस समस्या का समाधान करने के लिए सौहार्दपूर्ण विचार विमर्श होना चाहिए।

भाजपा सांसद ने इस मामले में पार्टी नेतृत्व को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जसवंत के खिलाफ कार्रवाई से ऐसा लगता है कि यह सुनियोजित योजना का हिस्सा थी।

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