भारत का स्विट्‍जरलैंड से समझौता

शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2011 (14:45 IST)
सरकार ने बताया कि भारत ने स्विट्‍रलैण्ड के साथ दोहरे काराधान पर एक समझौता किया है जिसमें बैंक से संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान का प्रावधान है और इस पर स्विट्‍रलैण्ड में आंतरिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद कालाधन के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।

लोकसभा में डॉ. महेन्द्र सिंह चैहान और डॉ. किरोड़ी लाल मीना के प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा, ‘चूँकि भारत और स्विटजरलैंड परिसंघ के बीच मौजूदा दोहरा कराधान करार (डीटीएए) में स्विट्‍जरलैण्ड के बैंकों में जमा राशियों के बारे में सूचना प्राप्त करना संभव नहीं था।

इस मामले में अप्रैल 2009 में डीटीएए में सूचना का आदान-प्रदान का प्रावधान करने के बारे में वार्ता की पेशकश की गई।’ उन्होंने कहा कि इस आग्रह पर स्विटजरलैण्ड सहमत हो गया और नई दिल्ली में 30 अगस्त 2010 को हस्ताक्षर किए गए। इस संशोधन समझौते की विशेषता यह है कि इसमें देशहित प्रभावित हुए बिना बैंक से संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान का प्रावधान है।

प्रणब ने कहा कि इस समझौते पर स्विट्‍जरलैण्ड में आंतरिक प्रक्रिया पूरी होने पर अमल होगा। भारत इस विषय में एक अप्रैल 2011 से या उसके बाद की किसी अवधि से स्विट्‍जरलैण्ड से बैंक संबंधी जानकारी प्राप्त करने में सक्षम होगा। (भाषा)

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