मोदी प्रधानमंत्री पद के योग्य-शोरी

रविवार, 7 अक्टूबर 2007 (11:06 IST)
पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत और लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने देश के सभी राज्यों को गुजरात से प्रेरणा लेने की सलाह दी है कि पर उसके सुशासन और विकास कार्यों से अत्यधिक प्रभावित पूर्व विनिवेश मंत्री अरुण शोरी ने तो मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए सुयोग्य बताया है।

गुजरात की औद्योगिक प्रगति पर वैश्विक सलाहकार फर्म 'अर्नस्ट एंड यंग' की रिपोर्ट जारी करते हुए वक्ताओं ने उपरोक्त विचार व्यक्त किए। मोदी सरकार के 72 महीने पूरे होने पर यह रिपोर्ट जारी की गई है जिसमें सरकार द्वारा उठाए गए 72 कदमों का उल्लेख है।

शेखावत ने गुजरात में मोदी द्वारा किए गए विकास कार्यों की प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने देश के समक्ष शासन चलाने का एक आदर्श प्रस्तुत किया है पर साथ ही यह भी कहा कि गठबंधन सरकारों में ऐसा काम इसलिए नहीं हो पाता क्योंकि वहाँ जिम्मेदारी वहन करने से लोग कतराते हैं और अधिकांश निर्णय राजनीति से प्रेरित होते हैं। उन्होंने कहा कि कई अंतरराज्यीय समस्याओं का समाधान इसी कारण नहीं हो पाता।

आडवाणी ने मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने यह कर दिखाया है कि आज जो विकृतियाँ हैं, वे दूर हो सकती हैं अगर दृढ़ इच्छा हो। उन्होंने गुजरात की उपलब्धियों का श्रेय मोदी को दिया पर साथ ही यह भी कहा कि राज्य की जनता का मानस अनुकूल होने पर भी शासन द्वारा चलाए गए सुधार कार्यक्रम सफल हो सके हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी ने राज्य को कुशलता से चलाया है, इसके बावजूद उनकी जबरदस्त निन्दा होती रही है पर वे अपने काम में लगे रहे और अब सभी मानते हैं कि वहाँ भ्रष्टाचार न्यूनतम है।

अरुण शोरी ने राज्य में कृषि, बिजली, श्रम सुधार, औद्योगीकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्त क्षेत्र की उपलब्धियों को आँकड़ों सहित पेश करते हुए कहा कि राज्य में इस वर्ष होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के लिए यह मुद्दे बहुत महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने कहा कि मोदी के कामकाज को देखकर यह कहा जा सकता है कि वह प्रधानमंत्री पद की काबिलियत रखते हैं और उसके सुयोग्य हैं।

नरेन्द्र मोदी ने अपने 72 महीने के शासनकाल में जनकल्याण हेतु शुरू की गईं अनेक योजनाओं की विस्तृत चर्चा की और कहा कि हम इच्छाशक्ति से देश को बहुत ऊपर ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा इरादे नेक और स्थिति ठीक हो तो परिस्थितियाँ बदली जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात नीतियों पर चलने वाला राज्य है और वह चाहते हैं कि उनका राज्य देश के गरीब से गरीब व्यक्ति के काम आए।

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