यूआईडी होगा ‘जिंदगी का नंबर’-निलेकणी

शनिवार, 28 अगस्त 2010 (17:51 IST)
भारत के विशिष्ट पहचान प्राधिकार (यूआईडीएआई) के अध्यक्ष नंदन निलेकणी के अनुसार विशिष्ट पहचान-पत्र ऐसे लाखों भारतीयों के लिए ‘जिंदगी का नंबर’ होगा जिनकी पहुँच सार्वजनिक योजनाओं तक नहीं है।

निलेकणी ने शुक्रवार शाम यहाँ कहा कि विकास एवं जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में घरेलू अप्रवास तेज होगा। पहचान-पत्र के अभाव में दस करोड़ लोग सार्वजनिक योजनाओं को प्राप्त करने में अक्षम हैं। ऐसे में विशिष्ट पहचान नंबर काम करेगा क्योंकि यह उनके लिए ‘जिंदगी का नंबर’ होगा।

निलेकणी ने कहा कि तकनीक विकास के साथ जैसे-जैसे कागज का काम घटेगा, तकनीक का मूल्य भी कम होगा और क्षमता बढ़ेगी। सभी चीजों के इलेक्ट्रॉनिक होते ही कीमतें घटेंगी। तभी ज्यादा लोग तकनीक का उपयोग कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि यूआईडी आर्थिक या आवास की स्थिति को देखे बगैर सभी भारतीयों को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन नंबरों को जारी करने का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक योजनाओं से बाहर लोगों को बेहतर सेवा मुहैया सुनिश्चित कराना होगा, भले ही ये योजनाएँ अर्थ से संबंधित हों या भोजन से।

निलेकणी ने कहा कि यूआईडीएआई लाभान्वितों के बायोमेट्रिक आँकड़े जारी करेगा जिसे बैंक एवं डाकघर अपने यूआईडी नंबर बनाने में प्रयोग कर सकेंगे। चूँकि बैंकिंग सेवाएँ भारत में छह लाख गाँवों में नहीं पहुँच सकतीं, ऐसी जगहों पर छोटे एटीएम होंगे, जहाँ लोग पैसे निकाल सकेंगे एवं जमा कर सकेंगे। (भाषा)

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