राष्ट्रपति ने जामिया की अर्जी लौटाई

रविवार, 8 मार्च 2009 (14:46 IST)
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने जामिया मिलिया विश्वविद्यालय की उस अर्जी को लौटा दिया है जिसमें बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, अभिनेत्री शबाना आजमी और अन्य को दी गई डॉक्टरेट की मानद उपाधि को बाद में मंजूरी देने की माँग की गई थी। राष्ट्रपति ने पूछा है कि उनकी मंजूरी लेने में क्यों देरी हुई।

कानून के अनुसार किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय को मानद उपाधि देने से पहले अपने विजिटर (राष्ट्रपति) की मंजूरी लेनी होती है। राष्ट्रपति कार्यालय ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से पूछा है कि क्या नियमावली में ऐसा कोई प्रावधान है जिसके तहत ऐसी चीजों को बाद में मंजूरी दी जा सकती है।

प्रक्रिया में कुछ विलंब की बात स्वीकार करते हुए सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय राष्ट्रपति कार्यालय को लिखकर बताएगा कि यह चूक अनजाने में हुई और उन परिस्थितियों का उल्लेख करेगा जिसकी वजह से इसमें देरी हुई। साथ ही विश्वविद्यालय से भी कहा जाएगा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।

संपर्क किए जाने पर जामिया के कुलपति प्रो. मुशीरुल हसन ने कहा कि हमारे मन में राष्ट्रपति के प्रति अगाध सम्मान है और अगर कोई देरी हुई है तो इसके पीछे कोई मंशा नहीं थी।

जामिया ने नसीरुद्दीन शाह, शबाना आजमी और विद्वान डॉ. कपिला वात्स्यायन और असगर अली इंजीनियर को पिछले साल दीक्षांत समारोह में ऑनरिस कॉजा की मानद उपाधि से सम्मानित किया था।

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