रिश्तेदारों की गवाही अहम-सुप्रीम कोर्ट

बुधवार, 3 मार्च 2010 (22:52 IST)
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि हत्या के मामले में मृत व्यक्ति के करीबी रिश्तेदार द्वारा दी जाने वाली गवाही को अहम सबूत माना जाना चाहिए क्योंकि वे असली आरोपी को बचाकर निर्दोष व्यक्ति को नहीं फँसाएँगे।

शीर्ष अदालत ने बचाव पक्ष के वकील की उन दलीलों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि चूँकि प्रत्यक्षदर्शी मृत व्यक्ति रामकुमार सिंह की पत्नी और पुत्र हैं इसलिए इस सबूत पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि वे पूर्वाग्रहग्रस्त होंगे।

न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी और न्यायमूर्ति जेएम पांचाल की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि मृत व्यक्ति का करीबी रिश्तेदार होने की वजह से वे असली अपराधियों को खुला घूमने की अनुमति नहीं देंगे और अपीलकर्ता को मामले में झूठे तरीके से नहीं फँसाएँगे।

उच्चतम न्यायालय ने यह आदेश उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद जिले में 30 मई 1983 को भूमि विवाद में अपने चाचा की हत्या को लेकर कृपालसिंह किरपाल सिंह को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखते हुए दिया। दोषी व्यक्ति ने पीड़ित को बेहद करीब से गोली मारी थी। (भाषा)

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