लालू यादव ने की कांग्रेस की सराहना

मंगलवार, 21 जनवरी 2014 (22:20 IST)
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नई दिल्ली। कांग्रेस और लोजपा द्वारा संशय में रखे जाने के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने उन्हें आकर्षित करने का प्रयास किया और सांप्रदायिक ताकतों के खतरे का जिक्र करते हुए तीनों दलों के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने की जरूरत पर बल दिया।

प्रसाद ने कांग्रेस की सराहना करते हुए उसे धर्मनिरपेक्ष ताकतों का ऐसा शीर्ष संगठन बताया जिसकी देश को आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लोजपा नेता रामविलास पासवान सज्जन व्यक्ति हैं लेकिन उनके आसपास के कुछ लोग उन्हें सही फैसला नहीं करने दे रहे हैं। प्रसाद ने अपने प्रतिद्वंद्वी नीतीश कुमार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि लंबे समय तक भाजपा के साथ मित्रता करने के बाद अब वे धर्मनिरपेक्ष होने का दावा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, रामविलास पासवान के साथ मेरे संबंध खराब नहीं हैं। हम दोनों नियमित रूप से एक-दूसरे से बातचीत करते हैं..मैंने कभी नहीं कहा है कि हम रामविलास पासवान की पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। पासवान सज्जन व्यक्ति हैं, अच्छे इंसान हैं, लेकिन उनके आसपास कुछ लोग हैं जो उन्हें खुद से कोई फैसला नहीं लेने देते। कुछ लोग ऐसे हैं जिनकी अलग सोच है।

प्रसाद ने कहा, मेरी ओर से उनके प्रति अनादर का कोई भाव नहीं है। उनकी पार्टी के साथ हमारा पहले भी गठबंधन था और अब भी रहेगा..मेरा लक्ष्य सांप्रदायिक ताकतें हैं। एक या दूसरे नेता जो कह रहे हैं, मैं उस पर गौर नहीं कर रहा। हम बिहार में सांप्रदायिक ताकतों को रोकेंगे जैसा हमने पहले भी किया था।

उन्होंने स्पष्ट किया कि जब वह हमशब्द का उपयोग करते हैं तो यह सिर्फ राजद नहीं होता। इसमें कांग्रेस और लोजपा भी साथ लिया जाता है। सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतों को रोकने के लिए सभी तीनों पार्टियों को एकसाथ आना चाहिए। उनकी इस टिप्पणी के दो दिन पहले पासवान ने गेंद कांग्रेस के पाले में डालते हुए कहा था कि यह फैसला उस पार्टी को करना है कि बिहार में धर्मनिरपेक्ष गठबंधन में राजद को शामिल किया जाए या जदयू को।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन की खातिर कांग्रेस के साथ किसी बातचीत से इंकार किया था, लेकिन बिहार में गठबंधन के लिए लोजपा और जदयू के करीब होने की अटकलों के बीच कुमार ने पासवान की सराहना की थी। (भाषा)

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