विश्व के सबसे बड़े राम मंदिर का नीतीश ने किया अनावरण

गुरुवार, 14 नवंबर 2013 (10:35 IST)
पटना। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सरदार बल्लभ भाई पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा के निर्माण किए जाने के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में प्रस्तावित भगवान राम के सबसे बड़े मंदिर के प्रारूप का अनावरण किया।

नीतीश ने पूर्वी चंपारण जिला के केसरिया में बनने वाले उक्त विराट रामायण मंदिर के मॉडल का गुजरात स्थित द्वारका के शंकराचार्य जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज की उपस्थिति में महावीर मंदिर परिसर में अनावरण किया।

इस अवसर पर धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल ने विराट रामायण मंदिर के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यह मंदिर 2800 फुट लंबा, 1400 फुट चौड़ा और 405 फुट ऊंचा होगा। उन्होंने बताया कि इस मंदिर के 66 फुट की ऊंचाई वाले चबूतरे पर 25 हजार श्रद्धालु एकसाथ पूजा-अर्चना कर सकेंगे।

कुणाल ने बताया कि इस मंदिर के निर्माण पर 300-500 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसका निर्माण जनता के सहयोग से किया जाएगा। यह राशि अगले दस सालों में इकमहामेधा की जाएगी। उन्होंने मंदिर के निर्माण में मुसलमानों से सहयोग मिलने का दावा करते हुए कहा कि यह मंदिर देश और उसकी पहचान बनेगी।

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कंबोडिया के लोग नहीं चाहते थे कि इस मंदिर में उनके नाम का इस्तेमाल हो, इसलिए उन्होंने मंदिर के नाम में संशोधन का सुझाव दिया था और इसका नामकरण विराट रामायण मंदिर के रूप में किया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार में अनेकों प्राचीन एवं पुरातात्विक स्थल हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा उत्तर प्रदेश में एक हजार टन सोना की तलाश में एक मंदिर की खुदाई किए जाने की ओर इशारा करते हुए इन स्थलों की खुदाई से सोना नहीं, उससे भी बेशकीमती धरोहर मिल सकते हैं।

नीतीश ने कहा कि धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से बिहार में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई एवं बुद्ध से जुडे अनेकों स्थान मौजूद हैं।

मुख्यमंत्री ने सर्वधर्म सदभाव को देश की तरक्की के लिए जरूरी बताते हुए आशा व्यक्त किया कि बिहार के ऐतिहासिक स्थलों एवं विराट रामायण मंदिर को देखने यहां लाखों की संख्या में पयर्टक आएंगे और यह श्रद्धा के एक बड़े केंद्र के रूप में स्थापित होगा।

अपने संबोधन में नीतीश ने अयोध्या मसले की चर्चा करते हुए कहा कि हठधर्मी से किसी समस्या का समाधान नहीं होता, उक्त मसले का समाधान अदालत के निर्णय के जरिए या दोनों समुदाय द्वारा आपसी प्रेम और आदर के जरिए किया जा सकता है।

इस अवसर पर द्वारका के शंकराचार्य ने नरेन्द्र मोदी द्वारा बनाए जा रहे लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की विश्व की सबसे उंची प्रतिमा की चर्चा करते हुए कहा कि उसे पूजा नहीं जा सकता पर नीतीश के प्रदेश में बनाए जा रहे विश्व के सबसे बड़े मंदिर में पूजा की जा सकती है। (भाषा)

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