सेना में 11000 अफसरों की कमी

बुधवार, 3 अगस्त 2011 (19:16 IST)
सरकार ने बुधवार को स्वीकार किया कि इस समय सेना करीब 11000 अफसरों की कमी की समस्या का सामना कर रही है। उसने कहा कि महिला अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन देने का मामला अभी उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।

रक्षामंत्री एके एंटनी ने राज्यसभा को बताया कि भारतीय सेना में सेवारत पुरुष अधिकारियों की संख्या 35605 और महिला अफसरों की संख्या 11137 है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद सैन्य चिकित्सा कोर, सैन्य दंत चिकित्सा कोर और सैन्य नर्सिंग सेवा कोर को छोड़कर अन्य विभागों में इस समय 11137 अफसरों की कमी है।

एंटनी ने वासंती स्टेनली और टी. सुब्बारामी रेड्डी के सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को बताया कि सशस्त्र बलों के प्रति युवाओं को आकर्षित करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन के कारण सशस्त्र बलों में अधिकारियों का वेतन ढांचा अब अधिक आकर्षक हो गया है।

रक्षामंत्री ने कहा कि अल्प सेवा कमीशन (शॉर्ट सर्विस कमीशन) के अफसरों सहित सभी अधिकारी अब दो, छह तथा 13 वर्ष की सेवा के बाद कैप्टन, मेजर और लेफ्टिनेंट कर्नल पद पर नियुक्त होने के हकदार हैं। एएससी के अधिकारियों के कार्यकाल को भी 10 वर्ष से बढ़ाकर 14 वर्ष कर दिया गया है।

एंटनी ने कहा कि सरकार ने सेवानिवृत्त ब्रिगेडियरों की सशस्त्र बलों में पुनर्नियुक्ति की भी अनुमति दे दी है। रक्षामंत्री ने स्टेनली के एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि सभी सेवाओं के साथ ही एएससी से आई महिला अधिकारी दो, छह तथा 13 वर्ष की सेवा के बाद कैप्टन, मेजर या लेफ्टिनेंट कर्नल पद पाने की हकदार होती हैं और उनके साथ किसी भी तरह का लैंगिक भेदभाव नहीं होता।

उन्होंने कहा कि कमीशन से पहले की प्रशिक्षण अवधि महिला अफसरों के लिए 24 सप्ताह और पुरुष अधिकारियों के लिए 49 सप्ताह रखने की पूर्ववर्ती नीति के कारण उनके ओहदे में फर्क आता था। अप्रैल 2008 से महिलाओं और पुरुषों, दोनों के लिए कमीशन की प्रशिक्षण अवधि को एकसमान बनाकर 49 सप्ताह निर्धारित कर दिया गया है। (भाषा)

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