आईपीएल की कोच्चि टीम की फ्रेंचाइजी के मामले को लेकर परेशानियों से घिरे विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मुलाकात की।
हालाँकि इस बैठक को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है लेकिन माना जा रहा है कि उन्होंने यह विवाद पैदा होने के बाद सोनिया से अपनी पहली मुलाकात में उनके सामने इस समूचे प्रकरण पर अपना पक्ष रखा।
थरूर अपनी मित्र सुनंदा पुष्कर को आईपीएल की कोच्चि टीम की फ्रेंचाइजी में 70 करोड़ रुपए के बराबर की हिस्सेदारी ‘मुफ्त’ में दिलाने में मदद के लिये पद का दुरुपयोग करने के आरोपों से घिरे हैं।
कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी के कोच्चि की बोली को अहमदाबाद ले जाने के लिए एकजुट होने के आरोपों के बीच थरूर को इस मामले में फिलवक्त कुछ राहत मिल सकती है।
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थरूर को लेकर कांग्रेस की मौजूदा रणनीति से ऐसा लगता है कि थरूर को ‘दोषी साबित नहीं होने तक निर्दोष’ होने के सिद्धांत के आधार पर संदेह का लाभ दिया जा सकता है।
पार्टी प्रवक्ता शकील अहमद ने कांग्रेस के संवाददाता सम्मेलन में सवालों की झड़ी के बीच कहा कि मामले के सभी तथ्य सामने आने दीजिए, पार्टी उसके बाद ही कोई प्रतिक्रिया देगी।
अहमद की इस बात में प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के पिछले दिनों दिए गए बयान का अक्स नजर आता है। इस वक्त विदेश यात्रा पर गए मनमोहन ने भी सभी तथ्यों के सामने आने के बाद ही किसी तरह की कार्रवाई की संभावना की बात कही थी।
अहमद ने थरूर के हमेशा गलत कारणों से सुखिर्यों में रहने की बातों से भी इनकार किया। उन्होंने कहा कि कृपया यह न कहें कि वह हमेशा गलत कारणों से ही खबरों में रहते हैं। वह लोकसभा के लिए चुने गए हैं। वह संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के चुनाव मैदान में भी उतरे थे। उस वक्त भी वह गलत वजहों से चर्चा में नहीं थे।
आईपीएल की कोच्चि टीम के फ्रेंचाइजी ने आज आरोप लगाया है कि आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के दबाव में इस नई टीम को निशाना बना रहे हैं।
बहरहाल, कांग्रेस प्रवक्ता ने थरूर की मित्र सुनंदा को कोच्चि की टीम में मुफ्त हिस्सेदारी दिए जाने के आरोपों पर टिप्पणी करने से यह कहते हुए मना कर दिया कि मामले के सभी तथ्य उजागर नहीं होने तक पार्टी इन मुद्दों पर कुछ नहीं कहेगी। (भाषा)