न्यायमूर्ति इलेश वोरा और न्यायमूर्ति संदीप भट्ट की खंडपीठ ने सरकार को नोटिस जारी कर 27 जून तक जवाब मांगा है। उच्च न्यायालय ने 28 मार्च को आसाराम को तीन महीने की अस्थायी जमानत दी थी, क्योंकि उच्चतम न्यायालय द्वारा उसे पूर्व में दी गई अंतरिम जमानत 31 मार्च को समाप्त हो रही थी।
उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने एक विभाजित फैसला सुनाया था जिसके बाद एक तीसरे न्यायाधीश, जिनके पास मामला भेजा गया था, ने आसाराम को तीन महीने की अस्थायी जमानत देने के पक्ष में फैसला सुनाया।
गांधीनगर की एक अदालत ने जनवरी 2023 में बलात्कार के मामले में आसाराम को दोषी ठहराया था। वह एक अन्य मामले में भी आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, जिसमें उसे 2013 में राजस्थान में अपने आश्रम में एक लड़की से बलात्कार करने का दोषी ठहराया गया था।
वर्तमान मामले में उसे 2001 से 2006 के बीच सूरत की रहने वाली एक महिला अनुयायी से तब कई बार बलात्कार करने का दोषी ठहराया गया था, जब वह अहमदाबाद के पास मोटेरा स्थित उसके आश्रम में रह रही थी। भाषा Edited by : Sudhir Sharma