भार‍त वैश्विक जलवायु दिक्कतों को दूर करेगा

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पर्यावरण वार्ता में रोड़ा अटकाने का आरोप झेल रहे भारत ने कहा है कि वह समझौता करने वाला बनेगा, न कि समझौता तोड़ने वाला। भारत नए वैश्विक जलवायु समझौते में आ रही दिक्कतों को दूर करना चाहेगा।

जलवायु परिवर्तन पर विश्व नेताओं के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के पूर्व भारत ने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन पर मौजूदा संकट के लिए अमेरिका जिम्मेदार है क्योंकि वह वर्ष 2020 तक आबोहवा बिगाड़ने वाली गैसों का उत्सर्जन कम करने के लक्ष्य को बता नहीं पा रहा है।

पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों से चर्चा में कहा- 'भारत समस्या का हिस्सा नहीं है, फिर भी वह समाधान का हिस्सा बनना चाहता है।' उन्होंने कहा कि भारत पर वार्ताओं में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाना गलत है।

उल्लेखनीय है कि न्यूयॉर्क के इस सम्मेलन के बाद दिसंबर में कोपनहेगन में जलवायु परिवर्तन पर महत्वपूर्ण संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन होने जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में पर्यावरण पर शुरू हुई चर्चा में संयुक्त राष्ट्र के मंच पर मंगलवार को विश्व नेताओं को पर्यावरण के विषय पर लखनऊ निवासी युगरत्ना श्रीवास्तव ने संबोधित किया।

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