कैंपा कोला सोसायटी की मंगलवार को होगी सुनवाई

शुक्रवार, 30 मई 2014 (18:39 IST)
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय मुंबई में कैंपा कोला आवासीय सोसायटी परिसर में अवैध फ्लैट में रहने वालों की नई याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करने के लिए शुक्रवार को तैयार हो गया। इन मकान मालिकों को 31 मई तक ये फ्लैट खाली करने का आदेश दिया गया है।

न्यायमूर्ति जेएस खेहड़ की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन खंडपीठ ने इन फ्लैट को खाली करने और इसके बाद इन्हें गिराने के आदेश पर कोई रोक नहीं लगाई लेकिन उसने कहा कि वह कैंपा कोला रेजीडेन्ट्स एसोसिएशन की याचिका पर तीन जून को सुनवाई करेगा।

वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा, यह बहुत बड़ी मानवीय समस्या है जिसकी वजह से वहां रहने वाले 40 परिवारों को बेदखल होना पड़ेगा। एसोसिएशन ने अपनी नई याचिका में महाराष्ट्र सरकार और बृहन्न मुंबई नगर निगम को निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वे शीर्ष अदालत में मामले का निबटारा होने तक इन इमारतों में निर्मित अवैध फ्लैट नहीं गिराएं।

याचिका में कहा गया है कि एसोसिएशन को सूचना के अधिकार कानून के तहत मिली जानकारी में कुछ ऐसे तथ्यों का पता चला है जो पहले कभी भी सामने नहीं आए थे और इसलिए सारे मामले पर नए सिरे से सुनवाई की आवश्यकता है।

याचिका में कहा गया है कि 1985 और 1986 में नगर निगम ने इस अनधिकृत निर्माण को नियमित करने का निर्णय किया था। याचिका में प्रतिवादियों को इस निर्माण को नियमित करने के निर्णय का पालन करने का निर्देश दिया जाए जिसके बारे में तीन जुलाई, 1986 के पत्रों और 23 जुलाई 1985 की बैठक की कार्यवाही के विवरण से जानकारी मिलती है।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 19 नवंबर को इस सोसायटी के फ्लैट मालिकों से कहा था कि वे 31 मई तक इन मकानों को खाली कर दें क्योंकि इस परिसर में नई इमारत के निर्माण हेतु जगह मुहैया कराने के लिए कोई स्पष्ट प्रस्ताव तैयार नहीं हो सका।

इससे पहले, पिछले साल 27 फरवरी को न्यायालय ने नगर निगम को सोसायटी परिसर में बने अवैध फ्लैट गिराने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने बाद में एक अक्टूबर को अपने पहले के आदेश पर फिर से विचार करने से इंकार करते हुए 102 अवैध फ्लैट खाली करने के लिए 11 नवंबर, 2013 तक का समय निर्धारित किया था।

लेकिन 11 नवंबर को बेदखली के खिलाफ निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया। न्यायालय ने मीडिया की खबरों का संज्ञान लेते हुए इन फ्लैट को खाली करने की समय सीमा इस साल 31 मई तक बढ़ा दी थी।

नई याचिका में बेदखली और फ्लैट गिराने पर रोक लगाने के अनुरोध के साथ ही सूचना के अधिकार कानून के तहत मिली जानकारियों के तहत सारा मामला नए सिरे से विचार के लिए बंबई उच्च न्यायालय भेजने का अनुरोध किया गया है। इस मामले पर पहले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा था कि इसका स्थाई समाधान खोजने की जरूरत है।

कैंपा कोला आवासीय सोसायटी परिसर में 1981 और 1989 के दौरान सात बहुमंजिली इमारतों का निर्माण हुआ था। भवन निर्माता के पास सिर्फ छह मंजिलों के निर्माण की अनुमति थी। इस परिसर की एक इमारत मिडटाउन में 20 मंजिल और दूसरी आर्चिड में 17 मंजिलों का निर्माण किया गया था। (भाषा)

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