छह सांसद और 18 विधायक गिरफ्तार

सोमवार, 7 मार्च 2011 (22:46 IST)
उत्तरप्रदेश की मायावती सरकार के ‘भ्रष्टाचार’ और ‘जुल्म’ के खिलाफ समाजवादी पार्टी के राज्यव्यापी प्रदर्शन के दौरान सोमवार को छह सांसदों तथा 18 विधायकों समेत सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।

सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने जहाँ एक ओर इस तीन दिवसीय आंदोलन के पहले दिन एक लाख से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं एवं नेताओं की गिरफ्तारी का दावा करते हुए अनेक स्थानों पर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया है। वहीं, प्रदेश सरकार ने कुछ स्थानों पर छिटपुट झड़पों के अलावा स्थिति सामान्य रहने का दावा किया है।

प्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) बृजलाल ने बताया कि सपा के आंदोलन के दौरान अब तक 2327 सपा नेता तथा कार्यकर्ता गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर ने स्वेच्छा से गिरफ्तारी दी है। उन्होंने दावा किया कि इस दौरान प्रदेश में जनजीवन बिलकुल सामान्य रहा।

बृजलाल ने बताया कि सपा के आंदोलन के दौरान आज सपा सांसदों धर्मेद्र यादव, वीरपाल यादव, राधेमोहनसिंह, भगवतीसिंह, राकेश सचान तथा सुशीला सरोज को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा राज्य विधानसभा में सपा और विपक्ष के नेता शिवपालसिंह यादव समेत 18 सपा विधायकों को भी गिरफ्तार किया गया है।

सपा नेताओं के इस दावे के विपरीत कि प्रदर्शनकारी पार्टी कार्यकर्ताओं ने अनेक जिलों में सरकारी दफ्तरों में ताले लगा दिए थे, बृजलाल ने कहा कि कहीं भी किसी सरकारी कार्यालय पर ताला नहीं डाला गया।

बृजलाल ने कहा कि सपा के तीन दिवसीय आंदोलन के बाकी दो दिनों के दौरान भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिये कड़े बंदोबस्त किये गए हैं। इस बीच, सपा प्रवक्ता ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर सरकारी दमन का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव और प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव को घंटों उनके घर में नजरबंद रखा गया, जबकि इलाहाबाद में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन को सर्किंट हाउस से बाहर नहीं निकलने दिया गया।

मुलायम तथा अखिलेश को नजरबंद किए जाने के सवाल पर बृजलाल ने कहा कि उन्हें इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं मिली है। हालाँकि जिला प्रशासन ने इन खबरों का खंडन किया है।

सपा प्रमुख के घर के बाहर रुकावट लगाए जाने के औचित्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सपा कार्यकर्ताओं के जमावड़े की आशंका के मद्देनजर अव्यवस्था पैदा होने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर किया गया था।

सपा कार्यकर्ताओं ने सचिवालय के एक द्वार पर ताला डाले जाने की खबर को गलत बताते हुए विशेष पुलिस महानिदेशक ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी किसी सरकारी कार्यालय पर ताला नहीं पड़ा। उन्होंने कहा कि लखनऊ समेत कुछ स्थानों पर पुलिस को उग्र सपा कार्यकर्ताओं पर ‘हलका बल’ प्रयोग करना पड़ा।

इस बीच, प्रदेश के इटावा, अंबेडकरनगर, संत कबीर नगर, मैनपुरी, प्रतापगढ़, बलरामपुर तथा सुलतानपुर समेत विभिन्न जिलों से सपा कार्यकर्ताओं द्वारा ‘मायावती हटाओ प्रदेश बचाओ’ के नारे लगाकर विरोध प्रदर्शन किए जाने की खबरें प्राप्त हुई हैं। (भाषा)

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