धमाकों के पीछे हूजी का हाथ!

मंगलवार, 13 मई 2008 (23:12 IST)
गुलाबी नगरी जयपुर में मंगलवार की शाम हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में बांग्लादेश से संचालित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हरकत उल जेहाद-ए- इस्लामी (हूजी) का हाथ होने का संदेह है। इन धमाकों में कम से कम 60 लोग मारे गए हैं जबकि लगभग 200 लोग घायल हुए हैं।

सूत्रों ने बताया कि जयपुर में हुए हमले ने सबको चक्कर में डाल दिया है क्योंकि यह पहले से आतंकवादी निशाने पर नहीं था। हालाँकि घटनास्थल से मिले सुराग इसमें हूजी का हाथ होने का संकेत दे रहे हैं।

धमाके दर्शाते हैं कि हूजी ने राजस्थान में अपनी जड़ें जमा ली हैं। यह संगठन नववर्ष की पूर्व संध्या पर रामपुर में सीआरपीएफ शिविर पर किए हमले तथा उत्तर में तीन अन्य स्थानों पर हुए सिलसिलेवार धमाकों के लिए भी जिम्मेदार रहा है।

राजस्थान में पिछला आतंकवादी हमला 11 अक्टूबर 2007 को हुआ था। अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में हुए धमाके में दो लोग मारे गए थे जबकि 17 अन्य घायल हुए थे।

सूफी दरगाह में किए गए हमले के पीछे भी हूजी का हाथ होने का संदेह जताया गया था। उस धमाके में विस्फोटक सामग्री के रूप में ट्राई नाइट्रो टौलीन (टीएनटी) का इस्तेमाल किया गया था।

आज के धमाकों में भी आतंकवादियों ने लोहे की पाइप के टुकड़ों का इस्तेमाल किया था। जयपुर में भीड़भाड़ वाले स्थानों पर हुए धमाके में पीड़ितों के शरीर में छर्रे पाए गए।

सूत्रों ने प्रतिबंधित हूजी को जैश-ए-मोहम्मद की मदद मिलने की संभावना से इंकार नहीं किया है। वह पर्यटक स्थलों और आर्थिक महत्व के स्थानों को निशाना बनाता रहा है।

खुफिया एजेंसियों ने पहले ही पिछले 48 घंटे के भीतर जयपुर से बाहर किए गए एसटीडी और अंतरराष्ट्रीय कॉल का विश्लेषण करना शुरू कर दिया है।

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