फोरेंसिक विशेषज्ञों ने दोहराई मुठभेड़ की कहानी

शुक्रवार, 8 जुलाई 2011 (08:35 IST)
साल 2004 के इशरत जहां पुलिस मुठभेड़ मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस घटना को दुहराया और यह जानने की कोशिश की कि चीजें कैसे घटित हुई थी। घटना की पुनरावृत्ति शहर के कोटारपुर इलाके में असली मुठभेड़ स्थल के पास की गई।

एसआईटी अध्यक्ष सत्यपाल सिंह ने कहा कि दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) का ग्यारह सदस्यीय एक दल आंकड़ों की प्राप्ति और घटना के तथ्यों के फिर से दुहराव में सहायता कर रहा है और जांच के दौरान यह काफी उपयोगी होगा।

सिंह ने कहा कि घटनाओं के सूत्रों को एकसाथ जोड़ने और आंकड़ों को जमा करने के लिए हमने सीएफएसएल के निदेशक डॉक्टर राजेंद्र सिंह और एम्स के फोरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉक्टर टीडी डोगरा को बुलाया था और ये अपने दल के साथ आए हैं।

जब सिंह से पूछा गया कि इस साल 17 अप्रैल को इसी तरह का अभ्यास करने के बाद यह दल फिर क्यों आया है तो उन्होंने कहा कि पिछले अभ्यास के दौरान कार्य पूरे नहीं किए जा सके थे इसलिए एसआईटी के निवेदन पर यह दल आया है।

गौरतलब है कि इस जांच की कमान संभालने वाले सिंह ने गुजरात उच्च न्यायालय के सामने पहले ही मामले से हटने की इच्छा जता दी है। गुजरात उच्च न्यायालय प्रत्यक्ष तौर पर जांच का निरीक्षण कर रहा है।

इस अभ्यास के दौरान एक तरफ जहां एसआईटी सदस्य मोहन झा और सतीश वर्मा मौजूद थे वहीं अपराध शाखा का वह पूरा दल भी उपस्थित था, जो मुठभेड़ की घटना से जुड़ा हुआ था। इस दल ने उस घटना का पूरा विवरण दिया जो सात साल पहले घटित हुई थी। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें