युद्धक्षेत्र जैसा मंजर था!

बुधवार, 14 मई 2008 (00:54 IST)
आतंकवादियों द्वारा किए गए श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों के बाद गुलाबी नगरी के लोकप्रिय बाजार युद्धक्षेत्र में तब्दील हो गए तथा चारों तरफ क्षत-विक्षत मानव अंग, साइकिल रिक्शा, साइकिल, मोटरसाइकिलों का मलबा और कारों के विंडस्क्रीन के टूटे भाग बिखरे हुए थे।

एक घायल ने अस्पताल ले जाते समय बताया हमने बड़ा धमाका सुना और उसके बाद धुएँ का गुबार उठा और चारों तरफ खून बिखर गया। बीस मिनट के अंतराल में हुए विस्फोटों के बाद चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई।

पुराने शहर के त्रिपोलिया बाजार से विस्फोट के बाद कई लोगों को तीन अस्पतालों में ले जाया गया। त्रिपोलिया बाजार के हनुमान मंदिर में कई श्रद्धालु आए हुए थे।

विस्फोट के बाद एंबुलैंस के सायरन बजने लगे और गलियों एवं सड़कों पर वाहनों की आवाजाही एकाएक तेज हो गई। विस्फोट स्थलों पर धमाके के बाद भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई क्योंकि लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में भागने लगे।

लोग घायलों को अपने निजी वाहनों पर अस्पताल ले जाते देखे गए क्योंकि आवश्यकता के अनुरूप एंबुलैंस की संख्या कम पड़ रही थी। समीपवर्ती अस्पतालों में भीड़ काफी बढ़ गई क्योंकि लोग अपने परिचितों और परिजनों की पूछताछ के लिए वहाँ आ रहे थे।

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