राजस्थान में आरक्षण मुद्दा फिर गरमाया

शनिवार, 9 जनवरी 2010 (22:46 IST)
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सशर्त 82 हजार से अधिक रिक्त पदों को भरने के लिए पुरानी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा के तुंरत बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता कर्नल किरोड़ीसिंह बैंसला ने गुर्जरों को पाँच प्रतिशत का विशेष आरक्षण लागू नहीं होने तक भर्ती प्रक्रिया को रोकने की माँग की है, जिससे प्रदेश में आरक्षण का मामला फिर गरम हो गया है।

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में 20183 पद राजस्थान लोक सेवा आयोग के पास नियुक्ति के लिए प्रक्रिया में है जबकि 56610 पद राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में खाली पड़े हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा 5000 नियुक्तियाँ बिजली कम्पनियों में की जानी हैं।

उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति और स्कूलों के क्रमोन्नत होने से आने वाले समय में काफी संख्या में पद रिक्त होगें। इसके अलावा 25 हजार नियुक्तियाँ संविदा के आधार पर होनी है।

भाजपा नेता और गुर्जर आरक्षण आंदोलन से जुड़े कर्नल किरोड़ीसिंह बैंसला ने राज्य सरकार से गुर्जर समाज को विशेष वर्ग में पाँच प्रतिशत आरक्षण देने तक प्रस्तावित भर्ती पर रोक लगाने की माँग की है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होने पर गुर्जर समाज अन्य पिछड़ा वर्ग को साथ लेकर पुन: आंदोलन करेगा। कर्नल बैंसला ने कहा कि आंदोलन का निर्णय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भेंट के दौरान उनके जवाब पर निर्भर करेगा।

इधर आरक्षण वर्ग से वास्ता नहीं रखने वाले लोगों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया रोकने से रोजगार की कतार में खड़े लाखों बेरोजगारों के साथ कुठाराघात होगा। उनका कहना है कि गुर्जर समाज को मौजूदा भर्ती प्रक्रिया शुरू होने पर अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण का लाभ मिलना तय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि राजस्थान उच्च न्यायालय में विचाराधीन आरक्षण याचिका पर जो भी निर्णय आएगा, उसे लागू किया जाएगा। (भाषा)

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