हेल्थ स्पा पर कोर्ट का अहम फैसला

शनिवार, 1 अगस्त 2009 (13:39 IST)
मद्रास उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि पुलिस को देश के किसी भी नागरिक द्वारा संचालित स्वास्थ्य एवं सौंदर्यवर्धन स्थलों (हेल्थ स्पा) को रोकने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है चाहे ऐसे केंद्र विपरीत लिंगियों द्वारा ही क्यों न चलाए जा रहे हों।

इन्फ्लुएंस लाइफस्टाइल स्टोर्स प्राइवेट लिमिटेड के आवेदन पर अंतरिम आदेश जारी करते हुए न्यायमूर्ति के. चंद्रू ने कहा ‘संबंधित क्षेत्र का नियमन करने वाला कोई कानून नहीं है।'

लाइफस्टाइल ने आवेदन में आग्रह किया था कि स्त्री-पुरुष दोनों लिंगों के लिए दोनों लिंगों के लोगों द्वारा विभिन्न स्वास्थ्य एवं सौंदर्य थैरेपी उपलब्ध कराए जाने के व्यवसाय के ‘शांतिपूर्ण आचरण’ में पुलिस को हस्तक्षेप करने से रोका जाए।

न्यायाधीश ने कल अपने आदेश में उच्चतम न्यायालय के फैसलों का उल्लेख किया जिनमें कहा गया है ‘नैतिक परंपरा में अधिकतर लोगों के विश्वास को व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर नहीं थोपा जा सकता।’

न्यायाधीश ने हालाँकि यह भी कहा कि कानून द्वारा निषिद्ध किसी भी आपराधिक गतिविधि के मामले में पुलिस को ऐसे परिसरों का निरीक्षण करने तथा उचित कार्रवाई करने का अधिकार है।

न्यायाधीश ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस फैसले का भी जिक्र किया जिसमें कहा गया था कि विधायिका के पास जो शक्तियाँ हैं पुलिस उससे हटकर कोई कार्रवाई नहीं कर सकती और अदालत उसे ऐसी शक्तियों से लैस नहीं कर सकती।

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