पूजता चाँद को भला कोई

-दीक्षित दनकौरी

आपका साथ अगर नहीं होता
खूबसूरत सफर नहीं होता

सिर्फ हैवानियत ही रह जाती
जज़्ब-ए-इश्क़ अगर नहीं होता

पूजता चाँद को भला कोई
खूबसूरत अगर नहीं होता

आसमाँ है ज़मीन है लेकिन
हर फ़कीरों का घर नहीं होता।

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