नागपंचमी स्पेशल प्रसाद: जानें 6 विशेष भोग व पकवान

WD Feature Desk

सोमवार, 28 जुलाई 2025 (10:00 IST)
Nag Panchami 2025: नागपंचमी के दिन पारंपरिक रूप से व्रत रखा जाता है और नागदेवता को भोग अर्पित किया जाता है। नागपंचमी पर नाग/सर्पदेवता को लावा और दूध जरूर चढ़ाया जाता है। यह प्रसाद नाग देवता को बहुत पसंद है। इस दिन बनाए जाने वाले विशेष प्रसाद में सात्विकता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। यहां कुछ लोकप्रिय और पारंपरिक प्रसाद दिए जा रहे हैं जो नागपंचमी पर बनाए जाते हैं:ALSO READ: नाग पंचमी पर क्यों नहीं बनती रोटी, क्यों नहीं चढ़ाया जाता चूल्हे पर तवा?, जानिए कारण
 
1. दूध और चावल (खीर या पायस)
• नागदेवता को दूध और चावल से बनी खीर का भोग विशेष रूप से अर्पित किया जाता है।
• इसे गाय के दूध, चावल, चीनी और केसर से तैयार किया जाता है।
• कुछ स्थानों पर इसे पायसम भी कहा जाता है।
 
2. तिल और गुड़ के लड्डू
• तिल/ तिल के बीज और गुड़ को मिलाकर बनाए गए लड्डू नागपंचमी पर विशेष माने जाते हैं।
• यह प्रसाद सरल, पवित्र और पौष्टिक होता है।
• इसे देवताओं के साथ-साथ व्रती जन भी ग्रहण करते हैं।
 
3. घेवड़े / घुघरी / पूड़ी
• कुछ क्षेत्रों में घेवड़े/ गेहूं के आटे की मीठी पूड़ियां बनाई जाती हैं।
• साथ में घुंघरी/ काले चने का भोग भी अर्पित किया जाता है।
 
4. पंचमेवा खिचड़ी / पंचभूत अन्न
• महाराष्ट्र और मध्य भारत में पांच प्रकार के अनाज मिलाकर खिचड़ी बनायी जाती है।
• इसमें मूंग, चावल, उड़द, मसूर और तूअर दाल होती है।
• इसे शुद्ध देसी घी में पकाया जाता है और उपरांत भोग के रूप में अर्पित किया जाता है।
 
5. साबूदाना खिचड़ी / फलाहारी प्रसाद
• व्रत करने वाले लोग साबूदाना खिचड़ी, मीठा आलू, शकरकंद या फलों का प्रसाद ग्रहण करते हैं।
• इसमें प्याज और लहसुन का प्रयोग नहीं किया जाता।
 
6. दूध और लावा (धान का खील)
धान का लावा (खील): 1 कप, दूध: 1/2 लीटर, चीनी: 1-2 चम्मच या अपने हिसाब से 
1. एक कटोरे में धान का लावा लें।
2. इसमें दूध और थोड़ी सी चीनी डालकर नाग देवता को अर्पित करें।
3. आप चाहें तो नाग देवता को केवल दूध या केवल लावा भी चढ़ा सकते हैं।
 
विशेष परंपरा
कुछ गांवों में नागदेवता को दूध, पुष्प और सफेद मिष्ठान्न जैसे रसगुल्ले या दूध मिठाई अर्पित की जाती है।
 
भोग अर्पण की विधि: 
1. पहले नागदेवता का चित्र या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं।
2. उन्हें दूध, चावल, पुष्प और घर पर बनाया हुआ प्रसाद अर्पित करें।
3. इसके बाद परिवार और आस-पड़ोस में प्रसाद वितरित करें।

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