हाथ मलते हैं खुदा ओ अहरमन

हाथ मलते हैं खुदा ओ अहरमन
तेरा आशिक दीनो दुनिया का नहीं
- फिराक गोरखपुरी

अहरमन - शैतान
दीन - धर्म

अर्थ - भगवान और शैतान दोनों निराश हैं। तेरा चाहने वाला न धर्म के काम का बचा और न शैतान के काम का। मतलब है भले - बुरे से परे चले जाना।

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