लिफ्ट प्लीज

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अकसर जब कहीं जाना हो और आवागमन का कोई साधन न मिले तो किसी से लिफ्ट लेकर जाना पड़ता है। इस बात को लड़के व लड़की दोनों ही आजमाते हैं। लेकिन क्या कभी आपने ध्यान दिया है कि लिफ्ट देने में हर कोई सहज नहीं होता है।

खासकर जब कोई लड़का सड़क पर खड़ा होकर दुपहिए पर जाती किसी लड़की से लिफ्ट देने के लिए अनुरोध करे तो लड़की उसे नजरअंदाज कर जाती है पर यदि कोई लड़की लिफ्ट माँगे तो लड़का भले ही लाख जल्दी में हो गाड़ी जरूर रोकेगा।

अब इसके पीछे क्या सोच होती है यह तो वही जाने, पर यह बड़ी ही रोचक बात है कि इस ट्रेंड के पीछे लड़के और लड़की क्यों अलग-अलग सोचते हैं। क्या इसके पीछे सुरक्षा का कारण है या कुछ और? आइए, जानते हैं युवाओं से...

लड़कियों को खासतौर पर बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। बोल्ड होने का दिखावा आपको उन अंधेरी राहों में धकेल सकता है जिनसे आपका लौट पाना शायद असंभव हो। इसलिए राह चलते परेशानी मोल लेने से क्या फायदा।
एलएलबी कर रहे जितेंद्र रावत कहते हैं, "यह सही है कि आजकल लिफ्ट लेने का चलन बढ़ गया है। इसमें लड़के और लड़कियाँ दोनों शामिल हैं। जहाँ तक लड़कों की बात है, वे इसमें कोई हिचकिचाहट महसूस नहीं करते। लेकिन लड़कियों की बात करें तो वे आज भी लड़कों से लिफ्ट लेने या देने से बचती हैं।

हो सकता है कि इसके पीछे सुरक्षा का कारण हो। एक बात ध्यान देने वाली है कि किसी के माथे पर नहीं लिखा होता कि वह अच्छा है या बुरा। दिन के वक्त तो कोई भी दिक्कत नहीं होती पर यदि रात का वक्त हो तो लड़कियों को किसी अजनबी से लिफ्ट लेने या उसे लिफ्ट देने से बचना चाहिए।"

छात्र योगेंद्र इस संबंध में कहते हैं, "लिफ्ट माँगना तो सही है पर यह लड़का और लड़की दोनों के लिए कई आशंकाओं से भरा है। फिर भी कई बार लिफ्ट लेनी ही पड़ती है क्योंकि सारे रास्तों पर सार्वजनिक परिवहन और ऑटो मौजूद नहीं होते। इस संबंध में मेरी स्पष्ट राय यही है कि जहाँ तक हो, लिफ्ट लेने से लड़के और लड़कियों दोनों को बचना चाहिए।

लड़कियों को खासतौर पर बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। बोल्ड होने का दिखावा आपको उन अंधेरी राहों में धकेल सकता है जिनसे आपका लौट पाना शायद असंभव हो। इसलिए राह चलते परेशानी मोल लेने से क्या फायदा।"

"हालांकि आज तक मैंने दो-तीन बार ही कुछ वृद्ध व्यक्तियों को लिफ्ट दी है लेकिन बढ़ते अपराधों को देखते हुए अब मेरे पेरेन्ट्स ऐसा करने से मना करते हैं। मुझे आज तक तो लिफ्ट लेने की जरूरत नहीं पड़ी लेकिन मुझे लगता है कि यह कम सुरक्षित है। बहुत ज्यादा ही जरूरी हो जाए तो भी कम से कम चार पहिया वाहन में तो लिफ्ट लेने से बचना ही चाहिए।" यह कहती हैं एमएससी की छात्रा रेणुका भार्गव।

वे कहती हैं कि "यदि आप दिन में किसी ऐसी जगह हैं जहाँ से कोई वाहन नहीं मिल पा रहा हो तो कोशिश करें कि पैदल ही ज्यादा से ज्यादा दूरी तय कर सकें। लिफ्ट लेने तथा देने से जितना बच सकें उतना ही अच्छा। सुरक्षा का यही विचार शायद लड़कियों के मन में रहता है इसलिए वे अकसर लिफ्ट देने और लेने से बचती हैं।"

बात कोई भी हो जरूरत सर पर खड़ी हो तो फिर हर रास्ता आजमाना पड़ता है। इसी के दायरे में लिफ्ट लेना भी है। पर हाँ, जो भी करें संभलकर।

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