आपको याद दिला दें कि ये वही प्रकाश सिंह बादल हैं, जिनके पांव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छुए थे। यह घटना वाराणसी में मोदी के नामांकन के समय की है, जब बादल भी वहां पहुंचे थे। हालांकि अटकलें तो एक बार फिर भाजपा और अकाली दल के आने की भी हैं, लेकिन चुनाव बाद सत्ता के लिए कांग्रेस और अकाली दल का नया समीकरण बन जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।