चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा (6 अप्रैल) को हनुमान जयंती मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार शुक्रवार को हस्त नक्षत्र तथा ध्रुव योग के संयोग के कारण हनुमान जयंती का आध्यात्मिक प्रभाव बढ़ जाएगा। इस दिन विशेष में की गई हनुमान आराधना रोग, शोक व दुखों को हरकर विशिष्ट फल देने वाली होगी।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार हनुमानजी रुद्र अवतार स्वरूप माने जाते हैं। सतयुग से कलयुग तक प्रथम चरण विशेष में हनुमानजी की आराधना सकल मनोरथ पूर्ण करने वाली हैं। धर्मशास्त्र के अनुसार रुद्र तथा रुद्र अवतार की साधना विशेष दिन करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य, शनि तथा राहु के दोषों के निवारण के लिए हनुमान की आराधना विशेष मानी गई है। ग्रहों की अनुकूलता प्राप्त करने के लिए निम्न राशि के जातक हनुमान जयंती पर इन उपायों का प्रयोग कर सकते हैं।
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मेष- हनुमान चालीसा का पाठ, वानरों को मीठा रोट खिलाएं।
वृषभ- एकमुखी हनुमंत कवच का पाठ, हनुमान मंदिर में पीले पेड़े अर्पित करें।
मिथुन- तीन मुखी हनुमान कवच, लाल रंग से मिलती रंग की गाय को हरी घास खिलाएं।
कर्क- हनुमान अष्टक का पाठ, हनुमान मंदिर में ध्वज अर्पित करें।
सिंह- पंचमुखी हनुमंत कवच, भिक्षुकों को भोजन कराएं।
कन्या- सुंदरकांड का पाठ, हनुमान मंदिर में 11 दीपक लगाएं।
तुला- हनुमंत बाहुक का पाठ, बच्चों को मिष्ठान खिलाएं।
वृश्चिक- रामचरित मानस के बालकांड का पाठ, बच्चों को भोजन कराएं।
धनु- अयोध्याकांड का पाठ, घर के बुजुर्गों के नाम से वृद्घाश्रम में भोजन।
मकर- सुंदरकांड तथा एकमुखी हनुमंत कवच का पाठ, मछलियों को आटे की गोली डालें।
कुंभ व मीन- हनुमान अष्टक व हनुमान कवच तथा सुंदरकांड का पाठ करें।
ये होंगे प्रभाव : माना जाता है कि कण-कण में प्रभु श्रीराम विराजमान है, पूरी सृष्टि उनके इशारों पर चल रही है, बिना प्रभु इच्छा के एक पत्ता भी नहीं हिल सकता, आस्थावान व्यक्ति कर्म के बल पर सभी इच्छित चीजें प्राप्त कर सकता है।
हनुमान जयंती के दिन भगवान राम और उनके परम भक्त की साधना से आपके जीवन में आनेवाली हर तरह की बाधाएं दूर होकर सफलता आसानी से प्राप्त होगी। हनुमान जयंती पर पूजा-पाठ करने से मानसिक तनाव से मुक्ति, कानूनी मामलों में सफलता, भूमि-भवन का लाभ, खोई प्रतिष्ठा की प्राप्ति, क्लेश की निवृत्ति व अर्थ सिद्घि की प्राप्ति होगी।