इस वर्ष होलिकादहन पर भद्रा का साया नहीं है। इसके अलावा एक विशेष सर्वार्थ सिद्धि योग भी पड़ रहा है, जो 13 घंटे तक रहेगा। विद्वानों के अनुसार यह सर्वार्थ सिद्धि योग श्रेष्ठ है। सर्वार्थ सिद्धि योग सभी कार्यों को सिद्ध करने वाला है। इस वर्ष होलिकादहन 12 मार्च, रविवार को होगा तत्पश्चात सोमवार को धुलेंड़ी पर्व पर रंग खेला जाएगा।
शास्त्रों के अनुसार होलिकादहन प्रदोषकाल में किया जाना सर्वश्रेष्ठ है। सूर्योदय से रात 8.23 बजे तक पूर्णिमा तिथि रहेगी। शाम 5.40 से अगले दिन सुबह 6.53 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। हालांकि होलिकादहन अलग-अलग मुहूर्त में कभी भी किया जा सकता है, परंतु प्रदोषकाल सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है।