Devi Skanda Mata: शारदीय नवरात्रि आराधना में पांचवें दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप मां स्कंदमाता की उपासना की जाती है। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम दिया गया है। भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित हैं।
मां स्कंदमाता का वाहन सिंह है। इस दिन माता की पूजा-आराधना निम्न मंत्र के उच्चारण के साथ की जाती है। पंचमी तिथि की अधिष्ठात्री देवी स्कंद माता हैं अत: जिन व्यक्तियों को संतानाभाव हो, वे माता की पूजन-अर्चन तथा मंत्र जप कर लाभ उठा सकते हैं।
यहां पढ़ें पूजन विधि और मंत्र-
पूजन विधि-
इस दिन सबसे पहले चौकी (बाजोट) पर स्कंदमाता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
इसके बाद गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें।
चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर कलश रखें।
उसी चौकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका (16 देवी), सप्त घृत मातृका (7 सिंदूर की बिंदी लगाएं) की स्थापना भी करें।
इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा स्कंदमाता सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें।
- या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
- सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी॥
- ॐ देवी स्कंदमातायै नमः॥
- संतान प्राप्ति मंत्र- 'ॐ स्कंदमात्रै नम:।।'
19 अक्टूबर 2023, गुरुवार के मुहूर्त-
आश्विन शुक्ल पंचमी तिथि- 04.01 पी एम तक।
शोभन योग- 08.39 पी एम तक।
रवि योग- 12.34 पी एम से 20 अक्टूबर को 05.04 ए एम
ब्रह्म मुहूर्त-03.31 ए एम से 04.17 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 03.54 ए एम से 05.04 ए एम
अभिजित मुहूर्त-10.49 ए एम से 11.39 ए एम
विजय मुहूर्त-01.17 पी एम से 02.07 पी एम
गोधूलि मुहूर्त-05.24 पी एम से 05.47 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 05.24 पी एम से 06.34 पी एम
निशिता मुहूर्त-10.51 पी एम से 11.37 पी एम
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