ज्योतिष के अनुसार किसी भी कार्य को करने हेतु शुभ योग-संयोगों का होना आवश्यक होता है। शुभ समय का चयन तिथि, नक्षत्र, चंद्र स्थिति, योगिनी दशा और ग्रह स्थिति के आधार पर किया जाता है।
यात्रा, बच्चों के लिए किए जाने वाले शुभ कार्य तथा संतान के जन्म समय में भी इस योग का विचार किया जाता है और यदि योग उपस्थित हो तो यथासंभव, कार्यों को टालना उचित है, संतान जन्म तो ईश्वरीय देन है परंतु यदि यमघटंक योग हो तो विद्वान ब्राह्मणों से इसकी शांति करवानी चाहिए।