क्यों मनाते हैं बड़ा मंगल, जानें इतिहास :
तो बड़ा मंगल मनाने का इतिहास रामायण और महाभारत काल से जुड़ा हुआ माना जाता है। मान्यतानुसार एक बार वन में घूमते हुए हनुमान जी की भेंट प्रभु श्री राम से एक पुरोहित के रूप में हुई थीं और उसी दिन भी ज्येष्ठ माह का मंगलवार था।
इसी कारण पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बड़ा मंगल महाभारत और रामायण काल से जुड़ा हुआ माने जाने के कारण ही इस दिन हनुमान जी कआ पूजन करना बहुत शुभ कहा गया है। साथ ही इस दिन भगवान श्री राम की भी उपासना की जाती है। इस कथा के अनुसार जब भीम को अपनी शक्तियों पर बहुत घमंड हो गया था तब हनुमान जी ने मंगलवार के दिन ही बूढ़े वानर का रूप धारण करके भीम का घमंड चूर-चूर करके उसे हरा दिया था। अतः तभी से इस दिन को बूढ़ा या बुढ़वा मंगल के नाम से मनाया जाने लगा।
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