जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में शनि, मंगल, राहु तथा केतु आदि पाप ग्रह अशुभ फलदायक हों, नीचगत अथवा शत्रु क्षेत्रीय हों। शनि की साढ़े-साती या ढैय्या से पीडित हों, तो वे व्यक्ति भैरव जयंती अथवा किसी माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी, रविवार, मंगलवार या बुधवार को बटुक भैरव मूल मंत्र की एक माला (108 बार) प्रारम्भ कर प्रतिदिन रूद्राक्ष की माला से 40 दिन तक जाप करें, अवश्य ही शुभ फलों की प्राप्ति होगी।