Sham ko diya jalane ka time: हिन्दू धर्म में घर के पूजाघर में प्रतिदिन सुबह और शाम को होने वाली पूजा में दीपक जलाने की परंपरा है। दीपक जलाने और पूजा करने का एक समय होता है। उसी समय में दीया जलाना चाहिए। इसी के साथ यह भी जरूरी है कि दीपक की लौ उचित दिशा में रखें। आओ जानते हैं दीपक जलाने के शुभ नियम। ALSO READ: कैसे जानें कि मां लक्ष्मी रूठकर चली गई हैं, भूलकर भी न करें ये कार्य
दीपज्योति: परब्रह्म:
दीपज्योति: जनार्दन:
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नमोस्तुते...
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति...
दीया की लौ किस दिशा में रखें?
दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धनलाभ होता है।
दीपक यदि मंगल आरती के समय लगाते हैं तो यह सबसे श्रेष्ठ है।
प्रात: 5 बजे से 10 बजे के बीच दीपक जलाना शुभ होता है।
इसके बाद सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में दीपक लगना चाहिए।
शास्त्रानुसार प्रदोषकाल सूर्यास्त से 2 घड़ी (48 मिनट) तक रहता है।
मिट्टी या पीतल की धातु से बना दीपक धन लाभ देता है।
माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा घर पर बनी रहे, इसके लिए हमें उनके समक्ष सात मुख वाला दीपक जलाना चाहिए।
आर्थिक तंगी से मुक्ति पाने के लिए रोजाना घर के देवालय में शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए।
इससे देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं। आश्रम तथा देवालय में अखंड ज्योत जलाने के लिए भी शुद्ध गाय के घी का या तिल के तेल का उपयोग किया जाता है।