* जरूरी है यह नियम पालन अगर आप करते है कोई भी व्रत...
पुरुषोत्तम मास चल रहा है, हम सभी में जो भी किसी भी धर्म के आस्तिक हैं वह किसी न किसी देवता का व्रत अवश्य करते हैं। लेकिन कुछ लोग व्रत के बहाने खूब खानपान करते हैं तो कुछ एकदम निराहार निरजला होकर व्रत करते हैं।
व्रत करने वालों को लगता है हम सारा दिन भूखे रहे तो व्रत संपन्न हुआ लेकिन ऐसा नहीं है। वास्तव में कुछ और संयम, व्रत के साथ आवश्यक है जैसे-
1. बार-बार पानी पीने से, पान खाने से, दिन में सोने से, मैथुन करने से उपवास दूषित हो जाता है।
2. क्षमा, सत्य, दया, दान, शौच, इन्द्रिय-संयम, देवपूजा, अग्निहो़त्र, संतोष तथा चोरी ना करना, यह 10 नियम सम्पूर्ण व्रतों में आवश्यक माने गए हैं।
3. व्रत करने वाले मनुष्य को कांसे का बर्तन, मधु, पराए अन्न का त्याग करना चाहिए तथा व्रती को अशुद्ध वस्त्र का उपयोग नहीं करना चाहिए।
मत-मतांतर से यह भी कहा जाता है कि सुंदर वस्त्र, अलंकार, सुगंधित वस्तुएं, इत्र आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए। जबकि कुछ पंडितों की मान्यता है कि व्रत के दिन साफ-सुंदर व सजा-धजा होना चाहिए।