* गुरु-पुष्य नक्षत्र के दिन खरीदारी स्नानादि से शुद्ध पवित्र होकर ही लेने जाना चाहिए।
* वस्त्र नवीन या धुले हुए पारंपरिक पहनना चाहिए।
* गुरुदेव, शनिदेव, गणेश जी, लक्ष्मी जी पीपल, बिल्वपत्र और शमी तथा सरस्वती जी का पूजन करना चाहिए।
* जो भी सामग्री लें वह कटी-फटी या दाग-धब्बे रहित होना चाहिए।
* बही आदि उधार नहीं लाना चाहिए।
* बही लाने जाते-आते समय मुंह नहीं झूठा करना चाहिए।
* पूरी प्रक्रिया में इष्टदेव का स्मरण रखना चाहिए।
* सामग्री लाकर उसे पवित्र स्थान पर रखना चाहिए।
* इस सामग्री में सरस्वती देवी का विशेष स्मरण करना चाहिए।
* यदि हो सके तो सामग्री लेने जाने के पूर्व देव दर्शन अवश्य करना चाहिए।
* बही के अतिरिक्त इस दिन वस्त्र, आभूषण, रत्न, पात्र का क्रय करना भी शुभ फलदायी रहता है।
* इस दिन स्वर्ण, चांदी के आभूषण, रत्न, वस्त्र स्थायी संपत्ति जैसे भूमि-भवन वाहन आदि क्रय करना काफी शुभ होता है।
गुरु-पुष्य नक्षत्र खरीदारी सहित सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन खरीदी गई वस्तु का स्थायित्व बना रहता है। गुरुवार को विशेष योग में कुछ न कुछ खरीदारी करना इस दिन शुभ माना जाता है।